नयी दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि सरकार चाहेगी कि अनिवासी भारतीय भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करें और जल्द ही इसकी सुविधा के लिये कदम उठाए जाएंगे। प्रवासी भारतीय दिवस पर ऑस्ट्रेलिया, सूरीनाम, अमेरिका, सिंगापुर, कतर, मलेशिया, ब्रिटेन और मॉरीशस के अनिवासी भारतीयों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करते हुए जयशंकर ने यह भी कहा कि वह अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारतीय मूल के लोगों (पीओआई) के लिये अपनी जड़ें खोजने के व्यवहारिक समाधान को भी तलाशेंगे।
सिंगापुर के एक एनआरआई द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “एक देश और सरकार के तौर पर हम निश्चित रूप से चाहेंगे कि भारत में एनआरआई निवेश बड़े पैमाने पर हो।” जयशंकर ने कहा, “हम जल्द ही एनआरआई और पीआईओ के लिये निवेश की सुविधा के वास्ते कदम उठाएंगे।” उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय इस साल लंदन में ‘प्रवासी वैश्विक सीईओ सम्मेलन’ के आयोजन पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है।
कतर में कर्मियों के शोषण के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि इस मामले पर “सरकार की कड़ी नजर” है और वह सजग है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को जल्द ही आव्रजन विधेयक जारी करने की उम्मीद है। प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन पर यहां विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और सचिव (पूरब) विजय ठाकुर सिंह भी मौजूद थे। भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को याद करने के लिए हर साल नौ जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के लिये नौ जनवरी का दिन इसलिये चुना गया क्योंकि आज ही के दिन 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व कर हमेशा के लिये भारतीयों की जिंदगी बदल दी थी।