ग्वालियर: साहित्यिक रचनाओं से समाज को सही दिशा मिलती है। रचनाएँ सकारात्मक जीवन जीने का संदेश देतीहैं। इसीलिए लेखन को मानव का श्रेष्ठ गुण माना जाता है। इस आशय के विचार नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने मन की रुनझुन पुस्तक के विमोचन समारोह में व्यक्त किए। श्रीमती अंशु सिंह द्वारा रचित इस पुस्तक का विमोचनसमारोह यहाँ जीवाजी क्लब में मध्यप्रदेश लेखक संघ के बैनर तले आयोजित हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संत कृपाल सिंह ने की इस अवसर पर महापौर श्री विवेकनारायण शेजवलकर, राज्य शासन के अतिरिक्त सचिव डॉ राजीव शर्मा,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ दिवाकर विद्यालंकार , श्रीजगदीश तोमर व श्रीमती अन्नपूर्णा भदौरिया मंचासीन थीं। नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने मन की रुन झुन पुस्तककी सराहना की । उन्होंने कहा रचनाकार ने स्त्री के मनोभावों को कविताओं के माध्यमसे बखूबी ढंग से प्रस्तुत किया है। श्रीमती माया सिंह ने मन की रुनझुन पुस्तक कीएक कविता कुछ कहने की चाहत... पढ़कर सुनाई।
साथ ही रचनाकार अंशु सिंहको बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा शासकीय सेवा में रहकर रचनाकार ने स्त्रीमन की पीड़ा को बड़े अच्छे ढंग से बयां किया है। महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा वर्तमान में महिला सशक्तिकरण का युग है। रचनाकार ने अपनी पुस्तक में दर्शाया है कि वह मन की रुन झुन ही नहीं जरूरत पड़ने पर उसे अनहद नाद में भी तब्दील कर सकती है। संत कृपाल सिंहने दृष्टांतो के माध्यम से पुस्तक का विश्लेषण किया और कहा यह पुस्तक सभी को कुछ नकुछ देती हुई प्रतीत होती है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ दिवाकर विद्यालंकार व श्री जगदीश तोमर ने भी पुस्तकपर अपने विचार रखे। मन की रुन झुनपुस्तक केविमोचन के साथ ठाकुर उदय सिंह भदौरिया स्मृति समारोह भी आयोजित किया गया। इससमारोह के उपलक्ष्य में साहित्यकार एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ राजीवशर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ राकेश पाठकवडॉ सरिता सिंह सिसोदिया को अतिथियों ने सम्मानितकिया। कार्यक्रम में काव्य गोष्ठी हुई जिसमें कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ पढ़ीं।