योगी सरकार यू पी में चल रहे मदरसों को लेकर नए- नए कदम उठा रही है। आपको बता दे कि अभी हाल में ही यू पी की योगी सरकार ने 15 अगस्त के लिए नया फरमान सुनाया था और कहा था प्रदेश में संचालित होने वाले सभी मदरसों को तिरंगा फहराने का आदेश दिया। साथ ही स्वतंत्रता दिवस के पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी करने का भी आदेश दिया था । बता दे कि योगी सरकार के इस कदम का मुसलिम संगठनों की तरफ से विरोध भी किया गया था । मुसलिम संगठनों ने कहा था इस आदेश को जारी करने से ऐसा लगता है कि सरकार हम पर शक कर रही है। इसके बाद गुरुवार को योगी सरकार की तरफ से मदरसों पर सख्ती के लिए नया आदेश जारी किया गया है।
यू पी की योगी सरकार राज्य के मदरसों के लिए एक अलग वेबसाइट पोर्टल लॉन्च करने जा रही है। राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी विधानभवन के तिलक हाल में मदरसा पोर्टल का उद्घाटन करेंगे।
बता दे कि यूपी में पहली बार मदरसों के लिए इस तरह का अलग पोर्टल बनाया गया है। जिसमें सरकारी अनुदान पाने वाले राज्य के 560 तथा मान्यता प्राप्त 10,000 ज्यादा मदरसों को अपनी सारी जानकारियां देनी होंगी। राज्य के सभी मदरसों को इस पोर्टल पर अपनी इमारत, क्लास की माप और तस्वीरों के साथ अपने सारे शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों का ब्योरा देना होगा।
काउंसिल के अनुसार, पोर्टल के शुरू होने के बाद वेतन भुगतान, छात्रवृत्ति सहित तमाम दिक्कतों का निपटारा ऑनलाइन किया जाएगा और इससे बड़े स्तर पर हो रही धांधली रोका जा सकेगा ।
वही यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा है कि प्रदेश के मदरसों के बाबत लम्बे समय से बहुत सी शिकायतें आ रही हैं। मदरसों में धांधलेबाजी है। शिक्षकों व कर्मचारियों का शोषण होता है। फर्जीवाड़ा होता है और मदरसों के संचालक व संस्थापक अपने ही परिवार के सदस्यों को शिक्षक व कर्मचारी के पदों पर नौकरियां दे रहे हैं। अब इन सारी गड़बड़ियों को प्रभावी ढंग से रोका जाएगा। इस काम में मदरसा पोर्टल बहुत कारगर साबित होगा।
श्री चौधरी ने ये बातें शुक्रवार को यहां विधान भवन के तिलक हाल में मदरसा पोर्टल के लोकार्पण समारोह में कहीं। उ.प्र. मदरसा शिक्षा परिषद ने यह पोर्टल एनआईसी के सहयोग से बनाया है। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा की व्यवस्था में तुष्टीकरण की नीति अब नहीं चलेगी। निकट भविष्य में इसी पोर्टल के जरिये मदरसों की परीक्षाएं भी संचालित की जाएंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने जो मदरसा नीति बनायी थी उसमें तमाम खामियां थीं।