जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग के समर्थन में वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विरोध मार्च निकाला और देश में जारी आर्थिक सुस्ती को लेकर विरोध जताया ।
शहीदी चौक स्थित कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होकर कांग्रेस का विरोध मार्च राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित एक ज्ञापन सौंपने के बाद उपायुक्त कार्याय में समाप्त हो गया । संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने तथा राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटने के बाद शहर में अपनी तरह का यह पहला प्रदर्शन है ।
जम्मू कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष जी ए मीर ने विरोध मार्च से पहले संवाददाताओं को बताया, ‘‘आज का यहां का प्रदर्शन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत आयोजित किया जा रहा है।
भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की देश को आर्थिक संकट से बाहर लाने में विफलता तथा किसानों एवं युवाओं की दुर्दशा, आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें और बढ़ती बेरोजगारी को उजागर करने के लिए यह प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है।’’
मीर ने कहा, ‘‘हमने उपराज्यपाल (जी सी मुर्मु) को ज्ञापन सौंपने की अनुमति मांगी थी, लेकिन जैसा कि आप जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की स्थिति के बारे में जानते हैं, हमें अनुमति नहीं दी गयी और इसलिए हमने जम्मू के उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ज्ञापन में लोकतंत्र की हत्या, संविधान का असम्मान, आर्थिक संकट, किसानों, व्यावसायिक समुदाय एवं ट्रांसपोर्टरों की दुर्दशा, बेरोजगारी एवं महंगाई का मामला उठाया गया है ।’’
जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करते हुए मीर ने कहा कि लोगों की आवाज राष्ट्रपति तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर हैं क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा उठाये गए ‘‘अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक’’ कदमों से लोग ‘‘बेहद आहत’’ हैं।
तख्तियां एवं बैनर लिये प्रदर्शनकारियों उपायुक्त कार्यालय तक मार्च किया और बाद में वहां से शांतिपूर्वक चले गए ।