श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मुठभेड़ में एक सहायक प्रोफेसर के मारे जाने का हवाला देते हुए आज कहा कि सिर्फ रोजगार प्रदान करना और विकास सुनिश्चित करना ही कश्मीर में ‘‘ हिंसा एवं अलगाव ’’ का समाधान नहीं है। यह प्रोफेसर हाल में आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन से कथित रूप से जुड़ा था। अब्दुल्ला ने ट्वीट किया , ‘‘ दुखद है कि यह उन लोगों को भी एक जवाब है जो यह दावा करते हैं कि नौकरी और विकास ही कश्मीर में हिंसा एवं अलगाव का समाधान है। कश्मीर में त्रासद घटनाओं की कड़ी में यह एक और दुखद घटना है। ’’
इससे पहले मोहम्मद रफी भट कश्मीर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर था जो शोपियां जिले में गोलीबारी के दौरान वह मारा गया। पुलिस ने बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन से संबद्ध जिन पांच आतंकवादियों को बडीगाम गांव में मार गिराया गया , उनमें भट भी शामिल था। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सहायक प्रोफेसर हाल में इस आतंकी संगठन में भर्ती हुआ था।
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