जम्मू & कश्मीर सरकार ने अपना कामकाज श्रीनगर से जम्मू लाने की तैयारी पूरी कर ली है और प्रशासनिक कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए शीत कालीन राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ कर दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि सिविल सचिवालय, राजभवन और प्रमुख दफ्तर हर छह महीने पर दो राजधानियों में आते-जाते हैं। प्रशासनिक कामकाज गर्मियों में श्रीनगर से और सर्दियों में जम्मू से होता है। यह आजादी से पहले की व्यवस्था है जिसे दरबार मूव कहा जाता है।
श्रीनगर में जम्मू कश्मीर सरकार का सचिवालय और स्थानांतरित होने वाले अन्य दफ्तर 27 अक्तूबर को बंद हो गए हैं और अब जम्मू में ये छह नवम्बर को खुलेंगे।
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एसडी सिंह जामवाल ने कहा कि सरकार का कामकाज सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मुमकिन सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है।
उन्होंने कहा कि सिविल सचिवालय, राजभवन और अन्य प्रमुख केंद्रों के साथ ही मंत्रियों, विधायकों तथा स्थानातंरण में शामिल अधिकारियों के रहने के स्थानों के आसपास पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
गौरतलब है कि दरबार स्थानातंरण की प्रथा महाराज गुलाब सिंह ने 1872 में जम्मू की गर्मी और श्रीनगर की ठंड से बचने के लिए शुरू की थी। आजादी के बाद सरकारों ने यह प्रथा जारी रखी है।
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि 28 और 29 अक्तूबर को राजमार्ग पर यातायात को वन वे कर दिया गया है। यह पाबंदी चार और पांच नवम्बर को फिर से लागू होगी ताकि सरकारी कर्मचारियों और आधिकारिक रिकॉर्ड जम्मू लेकर आ रहे वाहनों के रास्ते में रूकावट न हो।