जम्मू-कश्मीर में गैर-कश्मीरी मजदूरों के आतंकियों द्वारा लगातार निशाना बनने के बाद पुलिस ने इमरजेंसी एडवाइजरी जारी की है। कश्मीर के आईजीपी ने गैर स्थानीय लोगों को निकटतम पुलिस, सीएपीएफ और सेना के शिविरों में लाने के लिए कहा है। पीडी सहित कश्मीर क्षेत्र के सभी डिस्पोल को लिखे पत्र में आईजीपी ने कहा, ‘आपके संबंधित अधिकार क्षेत्र के सभी गैर-स्थानीय मजदूरों को अभी निकटतम पुलिस/सीएपीएफ/सेना प्रतिष्ठानों/ शिविरों में लाया जाए।’
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मामले को अत्यंत जरूरी बताते हुए इमरजेंसी एडवाइजरी जारी की. लेटर के जरिए कहा गया है कि गैर-स्थानीय मजदूरों को सेना और पुलिस के कैंपों में लेकर आया जाए। रविवार देर शाम को कुलगाम में आतंकियों ने एक घर में घुसकर बिहार के रहने वाले मजदूरों पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें दो की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया।
इससे पहले शनिवार को भी यूपी और बिहार के दो नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। श्रीनगर में बिहार के रहने वाले अरविंद कुमार को निशाना बनाया गया था, जबकि पुलवामा में यूपी के निवासी सगीर अहमद की हत्या की गई। रविवार को कुलगाम के वानपोह इलाके में मारे गए मजदूरों की पहचान बिहार के राजा, जोगिंदर के रूप में हुई है। चुनचुन देव गोली लगने की वजह से घायल हो गए।
केंद्र शासित प्रदेश में हाल के दिनों में टारगेट किलिंग में इजाफा हुआ है। आतंकियों ने आम लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। सात अक्टूबर को श्रीनगर के ईदगाह इलाके में दो स्कूल टीचर्स की हत्या कर दी थी। दोनों को भी स्कूल में घुसकर गोली मारी गई। पांच अक्टूबर को श्रीनगर में माखनलाल बिंद्रू की मेडिकल स्टोर में घुसकर हत्या की गई थी। वहीं, इसी घटने के बाद एक गोलगप्पे वाले की भी आतंकियों ने हत्या कर दी।
हिट एंड रन की रणनीति पर काम कर रहे आतंकी
घाटी में आततंकवादियों ने एक नई रणनीति पर काम करना शुरू किया है. आतंकी आम नागरिकों को निशाना बनाने के लिए हिट एंड रन की स्ट्रैटजी अपना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार , सिविलयन को निशाना बनाने के बाद ये आतंकी ओवर ग्राउंड वर्कर के साथ मिलकर काम करने लगते हैं। इसी वजह से एनआईए और पुलिस ने नए इन आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए ताबड़तोड़ एंटी-टेरर ऑपरेशंस शुरू किए हैं। पिछले दस दिनों में सेना के जवानों ने नौ एनकाउंटर्स किए हैं, जिसमें 13 आतंकवादी ढेर किए जा चुके हैं।