नई दिल्ली : घाटी में आतंकी अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए पुरजोर कोशिशों में जुटे हैं। जम्मू-कश्मीर में करीब 270 आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में हैं। ये अहम जानकारी लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने दी है। भट्ट ने कहा, ‘करीब 250- 275 आतंकी घाटी में घुसपैठ करने की फिराक में हैं।’
बता दें कि सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट पार्ट-2 शुरू कर दिया है। राज्य में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद सुरक्षा बलों ने पहले ही ऑपरेशन में आईएसजेके (इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू-कश्मीर) के चार आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया।
जम्मू-कश्मीर में 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जा रहा है। इस बीच कश्मीर घाटी में बड़ी तादाद में आतंकियों की मौजूदगी के इनपुट मिल रहे हैं। सेना के एक बड़े अधिकारी ने इसकी तस्दीक की है। आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षाबलों को अलर्ट किया गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल ऐके भट्ट ने कहा कि पाकिस्तान के लॉन्चिंग पैड से करीब 200 आतंकी घुसपैठ की कोशिश में है। सुरक्षा बलों को इसके लिए मुस्तैद कर दिया गया है। भट्ट ने कहा कि पाकिस्तान सोशल मीडिया के जरिए जम्मू-कश्मीर में दुष्प्रचार की कोशिश कर रहा है।
बता दें कि सेना ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की हिट लिस्ट तैयार की है, इसमें टॉप-21 की लिस्ट भी जारी की गई है। सेना का मानना है कि इन 21 आतंकियों को मार गिराया गया तो जम्मू-कश्मीर में आतंक की कमर टूट जाएगी। इनमें 11 आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन के हैं, 7 लश्कर-ए-तैयबा, 2 जैश-ए-मोहम्मद और एक आतंकी अंसार गाजवत उल-हिंद (एजीएच) के हैं। सूत्रों ने बताया, ‘सुरक्षा बलों का मुख्य फोकस इन 21 आतंकियों को खत्म करने पर है।
इंटेलिजेंस एजेंसियों को इन 21 पर ज्यादा से ज्यादा जानकारियां इकट्ठा करने को कहा गया है। इन 21 में से 6 आतंकियों को ‘A++’ कैटेगिरी में रखा गया है। इनकी कैटेगिरी इस आधार पर बनाई गई है कि किस आतंकी ने कितनी वारदात में हिस्सा लिया है और किस आतंकी की क्षेत्र में कितनी पकड़ है।’
इस बीच गुरुवार से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। जम्मू में यात्रा के आधार शिविर भगवती नगर से लेकर बाबा बर्फानी की मुख्य गुफा तक प्रशासन, पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने यात्रियों को सहूलियत देने के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है। इसके साथ ही यात्रा के दौरान लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय एजेंसियों, सेना और राज्य पुलिस के जवानों को जिम्मेदारी देने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा पहली बार एनएसजी कमांडो को भी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
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