मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के दूसरे उपराज्यपाल के रूप में शुक्रवार को शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद कहा कि वह बिना किसी पक्षपात के राज्य की जनता की भलाई के लिए संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करेंगे। राज्य के पहले उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू को एक साल पूरा होने के बाद मनोज सिन्हा को उपराज्यपाल पद का कार्यभार सौंपा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं राज्य की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी वाजिब शिकायतें सुनी जायेंगी और हम उनके समाधान ढूंढने का प्रयास करेंगे। मेरा लक्ष्य है कि राज्य में विकास की बहार को आगे ले जाऊं।’’ उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘भारत का कश्मीर स्वर्ग है। मुझे राज्य को आगे ले जाने में अपनी भूमिका निभाने का अवसर दिया गया है।
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उन्होंने कहा कि 5 अगस्त एक महत्वपूर्ण तारीख है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर मुख्यधारा में आया है। वर्षों बाद यहां कई परियोजनाएं शुरू हुई हैं। मेरी प्राथमिकता उन परियोजनाओं को आगे ले जाना है। वर्षों बाद यहां कई परियोजनाओं पर काम शुरु हुआ, मेरी प्राथमिकता इन परियोजनाओं के काम को तेजी से आगे बढ़ने पर रहेगी।’’
नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने गत वर्ष पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों और धारा 35 ए समाप्त कर दी थी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।