जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर आरोप लगाये हैं कि कुछ पुलिस अधिकारियों का नवनिर्वाचित जिला विकास परिषद (डीडीसी) पर पार्टी बदलने के लिए दबाव डालने के वास्ते इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि पीडीपी की दो महिला डीडीसी सदस्यों को पुलिस मंगलवार देर रात ‘सुरक्षा चिंताओं’ के बहाने तंगमर्ग ले गयी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ऊपर बैठे कुछ लोगों केआदेशों का पालन कर डीडीसी सदस्यों पर दबाव बना रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नवनिर्वाचित डीडीसी सदस्यों पर पार्टी बदलने का दबाव बनाने के लिए प्रशासन का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) बार-बार दावा करते रहे हैं कि डीडीसी के चुनाव कराने से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल हुआ है लेकिन, चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद वे जो कुछ भी कर रहे हैं, वह लोकतंत्र का मखौल है। वे पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस, निर्दलीय और अन्य पार्टियों के नवनिर्वाचित डीडीसी सदस्यों को ब्लैकमेल करने के लिए स्थानीय प्रशासन का उपयोग कर रहे हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य दलों के और निर्दलीय डीडीसी सदस्यों को पक्ष बदलने और जम्मू -कश्मीर में भाजपा के छद्म दलों में शामिल होने के लिए धन की पेशकश की जाती है। अगर वे सहमत नहीं होते हैं तो उन्हें धमकी दी जाती है कि उन पर आपराधिक मामले डाल दिये जाएंगे। दुर्भाज्ञ से कुछ पुलिस अधिकारी और नागरिक प्रशासन के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं जो (अधिकारी) इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाते हैं। वे डीडीसी सदस्यों को उठाकर उन्हें भाजपा के छद्म दलों के कार्यालयों में बंद कर देते हैं जहां उन्हें धमकी और रिश्वत दी जाती है।