पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आतंकवाद का कथित महिमा मंडन करने के कारण जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले से एक महिला विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) को गिरफ्तार किए जाने के मामले में शुक्रवार को कहा कि ‘‘नए कश्मीर में जुल्मों से महिलाओं को भी नहीं बख्शा’’ जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले की एसपीओ सायमा अख्तर को ‘‘आतंकवाद का महिमामंडन करने’’ और सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्य का निर्वहन करने से ‘‘रोकने’’ के आरोप में गिरफ्तार कर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
मुफ्ती ने बयान में कहा, ‘‘सायमा अख्तर को उसके घर में बार-बार अकारण तलाशी लिए जाने के कारण उचित प्रश्न उठाने पर यूएपीए (अवैध गतिविधि रोकथाम कानून)के तहत आरोपी बनाया गया। यह समझा जा सकता है कि सायमा की मां के बीमार होने के कारण उसकी चिंता और बढ़ गई। नए कश्मीर में क्रूरता से महिलाओं को भी नहीं बख्शा जा रहा।’’
एक पुलिस प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि दक्षिण कश्मीर जिले में फ्रिसल इलाके की निवासी सायमा अख्तर को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों को फ्रिसल गांव के कारेवा मोहल्ले में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद वहां तलाश अभियान चलाया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि अभियान के दौरान अख्तर ने आतंकवादियों को खोज रही टीम को अपना काम करने से रोका। उन्होंने कहा, ‘‘महिला ने तलाश अभियान चला रहे दल को रोका और वह हिंसक हो गई। महिला ने आतंकवादियों के हिंसक कृत्यों का महिमामंडन करने वाले बयान भी दिए।’’
प्रवक्ता ने बताया कि सायमा अख्तर ने अपने फोन से एक वीडियो बनाया और ‘‘तलाश अभियान बाधित करने के इरादे से’’ उसे सोशल मीडिया मंचों पर साझा किया।