जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नियंत्रण रेखा के पार शारदापीठ को तीर्थाटन के लिए खोलने की मांग की। महबूबा ने कहा कि पाक प्रशासित कश्मीर में शारदापीठ कश्मीर के वैभवशाली इतिहास का उत्कृष्ट अवशेष है।
उन्होंने लिखा, ”आपके प्रतिष्ठित पूर्ववर्तियों के कार्यकाल में की गयी पहलों से मुजफ्फराबाद और रावलकोट मार्ग खुले। वैसे तो उनकी क्षमता का पूर्ण रुप से साकार किया जाना बाकी है लेकिन करतारपुर के खुलने से अवसरों का एक द्वार खुला है।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा ही भारत और पाकिस्तान के बीच लोगों के मेल-मिलाप को विश्वास बहाली का महत्वपूर्ण उपाय पाना है।
उन्होंने कहा, ”यह यहां के लोगों को उनकी सांस्कृतिक और बौद्धिक जड़ों से जोड़ता है। (कश्मीरी) पंडितों के लिए यह तीर्थाटन का अहम स्थल है जहां वे आजादी तक बराबर जाते थे। इस तीर्थाटन को खोलने की उनकी अपील श्रीनगर-मुजफ्फराबाद रोड के फिर से खुलने के समय से ही सामने आयी है।”
करतारपुर पर बोली, महबूबा – भारत-पाक के रिश्ते सुधारने के लिए ‘नयी शुरूआत’ हो सकती है
पीडीपी अध्यक्ष ने पत्र में लिखा है, ”करतापुर ने (कश्मीरी) पंडित समुदाय को शारदापीठ के लिए तीर्थाटन की संभावना उसी उत्साह से देखने के लिए प्रेरित किया है। पाकिस्तान को कटासराज तीर्थाटन की तर्ज पर ही इस तीर्थाटन के लिए पाकिस्तान को अनुमति देने की प्रधानमंत्री इमरान खान की कथित पेशकश से हमारे विश्वास को बल मिला है।” उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के कुछ सदस्यों ने उनसे इस मुद्दे पर चर्चा की और उनसे यह मामला प्रधानमंत्री के सामने उठाने की अपील की।