जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि जो संस्थान लोगों के अधिकारों व देश में संविधान की रक्षा करने के लिए बनाए गए थे उनका ‘‘तालिबानीकरण’’ कर दिया गया है। धनशोधन के एक मामले में उनकी मां गुलशन नजीर से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा करीब तीन घंटे तक पूछताछ से जुड़े संवाददाताओं के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही।
मुफ्ती ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुर्भाग्य से जिन संस्थानों को हमारे अधिकारों की रक्षा करनी थी और जिन्हें संविधान की भावनाओं को बनाए रखना था उनका तालिबानीकरण हो चुका है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए कि मीडिया का भी तालिबानीकरण हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यधारा की अधिकतर मीडिया भाजपा की बातों पर चलती है, वे यह नहीं बताते कि किस तरह से एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ है और किस तरह से संविधान से खिलवाड़ हो रहा है।’’
ईडी द्वारा पूछताछ के बारे में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या आपको घटनाक्रम पता है?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘मैंने परिसीमन आयोग से मिलने से इंकार कर दिया, अगले दिन हमें समन मिल गया। मैंने पांच अगस्त को शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया, अगले दिन हमें समन मिल गया।’’ मुफ्ती ने कहा कि एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियों का गठन गंभीर कार्यों के लिए हुआ था।
मुफ्ती ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुर्भाग्य से जिन संस्थानों को हमारे अधिकारों की रक्षा करनी थी और जिन्हें संविधान की भावनाओं को बनाए रखना था उनका तालिबानीकरण हो चुका है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए कि मीडिया का भी तालिबानीकरण हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यधारा की अधिकतर मीडिया भाजपा की बातों पर चलती है, वे यह नहीं बताते कि किस तरह से एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ है और किस तरह से संविधान से खिलवाड़ हो रहा है।’’
ईडी द्वारा पूछताछ के बारे में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या आपको घटनाक्रम पता है?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘मैंने परिसीमन आयोग से मिलने से इंकार कर दिया, अगले दिन हमें समन मिल गया। मैंने पांच अगस्त को शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया, अगले दिन हमें समन मिल गया।’’ मुफ्ती ने कहा कि एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियों का गठन गंभीर कार्यों के लिए हुआ था।