कर चले हम फिदा जान वो तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों…। कुछ इसी अंदाज में पीरो का वीर नौजवान सपूत मो. मोजाहिद खान मुल्क की सरहद की रक्षा करते हुए हमेशा के लिए हम सबको अलविदा कह चला गया। शहीद मो मोजाहिद खान को पूरे राजकीय सम्मान के साथ स्थानीय कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया।
शहीद के अंतिम दर्शन के लिए मोजाहिद खान के घर पर हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। 49वीं बटालियन के जवान ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान दांव पर लगा दी लेकिन उनके अंतिम दर्शन के लिए न तो किसी सियासतदान ने सुध ली और न ही वहां उनका नुमाइंदा पहुंचा।
वही ,सीआरपीएफ जवान मोजाहिद खान के परिजनों ने 5 लाख का मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है। मोजाहिद के भाई ने स्थानीय मीडिया से बातचीत के दौरान नीतीश सरकार के प्रति नाराजगी का इजहार किया। उन्होंने कहा कि जानकारी होने के बाद भी न तो कोई और न ही कोई सांसद परिवार को सांत्वना देने आया। उन्होंने 5 लाख की मुआवजा राशि लेने से इनकार कर दिया है।
शहीद मोजाहिद के भाई का कहना है कि सरकार उन्हें सही प्रकार से मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि सरकार शहीद की मां के लिए पेंशन और शहीद के एक भाई को सेना में नौकरी दिलाएं। इससे पहले जिलाधिकारी की ओर से सैनिक कल्याण कोष की चिट्ठी के साथ पांच लाख रुपये का चेक परिजनों को भेजा गया था, जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया।
मीडिया से बातचीत करते हुए परिजनों ने कहा कि जिले के प्रभारी मंत्री, या बिहार सरकार के मंत्री या फिर जिले के सांसद, जो खुद एक आईएएस अधिकारी रहे हैं, वह भी शहीद के घर तक नहीं आए। जिला प्रशासन का कोई बड़ा पदाधिकारी तक नहीं आया।
आपको बता दें कि सोमवार सुबह करीब पौने पांच बजे आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप में घुसने की कोशिश की थी। लेकिन गेट पर तैनात जवानों ने आतंकियों को कैंप में घुसने से रोक दिया। जिसके बाद आतंकी कैंप के पास एक बिल्डिंग में छुप गए. सीआरपीएफ ने पूरी बिल्डिंग को घेर लिया और ये एनकाउंटर लगभग 32 घंटे चला। एनकाउंटर में मोजाहिद खान शहीद हो गए. इस एनकाउंटर में लश्कर के दो आतंकी मारे गए।
वहीं शहीद मुजाहिद खान का आखिरी वीडियो सामने आया है। ये वीडियो उस वक्त का है जब वो आतंकियों से उनकी मुठभेड़ चल रही थी। वीडियो में मुजाहिद अपने साथी जवान को गोली चलाने के निर्देश देते सुनाई दे रहे हैं।
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