अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने सोमवार को ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया है। गिलानी ने एक बयान में ऐलान किया है कि वह ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से खुद को पूरी तरह से दूर कर रहे हैं। इसके पीछे का कारण उन्होंने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालातों को बताया है।
बयान में कहा गया, “उन्होंने हुर्रियत सदस्यों को एक विस्तृत पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के भीतर वर्तमान हालात को देखते हुए, वह उससे खुद को पूरी तरह से अलग कर रहे है।” हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्यों को लिखे पत्र में गिलानी ने कहा है कि इसके बाद वह मंच के घटक सदस्यों के भविष्य के आचरण के बारे में किसी भी तरह से जवाबदेह नहीं होंगे।
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उन्होंने लिखा, मैंने हुर्रियत के सभी घटक दलों और मजलिस ए शूरा को भी अपने इस फैसले से अवगत करा दिया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन 9 मार्च, 1993 को कश्मीर में अलगाववादी दलों के एकजुट राजनीतिक मंच के रूप में किया गया था।गिलानी ने कश्मीर बनेगा पाकिस्तान और कश्मीर में आतंकी हिंसा को हमेशा जायज ठहराया है।