श्रीनगर : मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि एक दिन में कश्मीर समस्या हल हो जाए। सबकुछ सोमवार से शुरू हो रही बातचीत पर निर्भर करता है। यह कहना है केंद्रीय वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा का जो सोमवार को कश्मीर मिशन के लिए पहुंच रहे हैं। चार दिन तक कश्मीर में वह 40 प्रतिनिधिमंडलों से मिलेंगे। अलगाववादी खेमे ने वार्ता का बहिष्कार कर रखा है। सुरक्षा कारणों से सरकार ने अभी बैठक स्थल की जानकारी नहीं दी है। पूरे कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सूत्रों के अनुसार सोमवार सुबह ही दिनेश्वर शर्मा श्रीनगर पहुंच जाएंगे। कड़ी सुरक्षा के बीच वह बैठक स्थल जाएंगे। अमन बहाली व कश्मीर समस्या के समाधान के लिए रोडमैप तैयार करने के मकसद से वे विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से रूबरू होंगे।
हाउस बोट एसोसिएशन, शिकारा एसोसिएशन, तीन मजहबी संगठन, गुज्जर बक्करवाल एसोसिएशन, पहाड़ी वेलफेयर फोरम, दस्तकार यूनियन, केसर व फल उत्पादक एसोसिएशन, व्यापारिक संगठन, पत्रकार एसोसिएशनों के तीन गु्रप, गैर सरकारी संगठन व बुद्धिजीवी वर्ग के अलावा राजनीतिक दलों के नेताओं से वार्ताकार मुलाकात करेंगे। सभी प्रतिनिधिमंडलों को प्रशासन ने न्योता भेज दिया है। चार दिन के बाद वार्ताकार जम्मू में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करेंगे।
कश्मीर मेरा दूसरा घर है
कश्मीर जाने से पूर्व दिल्ली में दिनेश्वर ने कहा कि कश्मीर मेरा दूसरा घर है। यहां की कश्मीरियत आपसी भाईचारे और सद्भाव को दर्शाती है। उन्होंने किसी भी अटकलबाजी से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि बातचीत से ही समस्या का हल होता है, न कि हिसा से। वह कश्मीर में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बात करके ही किसी तरह का निष्कर्ष निकाल सकते हैं। वार्ताकार ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि कश्मीर में शांति बहाल होगी। बातचीत का मकसद कश्मीर में स्थायी शांति के लिए मार्ग प्रशस्त करना होगा।
वार्ताकार से ज्यादा उम्मीद नहीं : फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने वार्ताकार से ज्यादा उम्मीद से इन्कार किया है। डॉ. अब्दुल्ला ने रविवार को टंगडार, (कुपवाड़ा) में कहा कि हमें दिनेश्वर शर्मा से कोई ज्यादा उम्मीद नहीं है। पहले भी केंद्र सरकार ने कई वार्ताकार नियुक्त किए। हमारे राज्यपाल एनएन वोहरा भी वार्ताकार रह चुके हैं। केंद्र सरकार ने पांच समूह भी बनाए। तीन सदस्यीय वार्ताकार दल भी करीब छह साल पहले बना था। आज तक उनकी रिपोर्टों और सिफारिशों पर केंद्र की तरफ से कोई चर्चा नहीं हुई है। इसलिए दिनेश्वर शर्मा भी आएंगे और जाएंगे।