जम्मू-कश्मीर के सोपोर में आतंकी हमले में मारे गए सीआरपीएफ जवान को गुरुवार को श्रद्धांजलि दी गई। सोपोर के मॉडल टाउन में बुधवार को आतंकवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक नाका पार्टी पर हमला किया था। जिसमें सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल और एक नागरिक की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
घटना पर दिल्ली में अर्द्धसैन्य बल ने एक बयान में कहा कि हिंसक घटना की शुरुआत तब हुई जब जवान वहां अपनी बस से उतर रहे थे और तैनाती के लिए संबंधित स्थानों पर जा रहे थे। सीआरपीएफ ने कहा, ‘‘पास की एक मस्जिद में छिपे आतंकियों ने जवानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे सीआरपीएफ के चार कर्मी घायल हो गए।’’
बल ने कहा, ‘‘आतंकियों की गोलीबारी के बीच सोपोर से कुपवाड़ा की ओर जा रहा एक असैन्य वाहन फंस गया।’’ सीआरपीएफ ने कहा, ‘‘वाहन चला रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कार को रोका और उससे निकल कर सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे थे लेकिन आतकियों की गोलीबारी का निशाना बन गए।’’
बाद में वहां पर मोर्चे पर डटे सुरक्षा जवान ने एक बच्चे को वहां से निकाला। व्यक्ति के शव के पास बैठे एक लड़के की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि यह सोपोर की घटनास्थल की तस्वीर है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने बाद में सुरक्षाकर्मी द्वारा वहां से बचाए गए एक बच्चे की तस्वीर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की।
इसमें कहा गया कि सोपोर में आतंकवादी हमले के दौरान तीन साल के एक बच्चे को बचाया गया। गोलीबारी में सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल दीपचंद वर्मा की मौत हो गयी जबकि कांस्टेबल बी. राजेश, दीपक पाटिल और नीलेश चावड़े घायल हो गए। उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जवान 179वीं बटालियन की जी कंपनी से जुड़े थे।