भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के करीब एक सप्ताह बाद पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा ने शनिवार को कहा कि उनके राजनीतिक एजेंडे का आधार ‘‘जम्मू घोषणापत्र’’ है और वह क्षेत्र के लोगों के लिये कुछ भी कुर्बान करने को तैयार हैं। हालांकि जम्मू घोषणापत्र ने अभी तक आकार नहीं लिया है।
राणा ने कहा कि उन्हें अपनी धर्मनिरपेक्षता साबित करने के लिए किसी को जवाब देने या किसी से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लोग मुझे अच्छी तरह जानते हैं और मैं भी उन्हे बेहतर तरीके से जानता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई समेत सभी लोगों का आभारी हूं, जो जम्मू के अलग-अलग हिस्सों से आये हैं और मुझ पर अपना प्यार बरसाया है...इसे जम्मू घोषणापत्र के लिए जनमत संग्रह के रूप में देखा जाना चाहिये।’’
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इस महीने की दस तारीख को नेशनल कांफ्रेंस छोड़ने वाले राणा दिल्ली से लौटने के बाद अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। दिल्ली से यहां आने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुज राणा ने 2011 में नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष का पद संभाला था।
उस वक्त वह प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार थे। प्रांतीय अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने सलाहकार का पद छोड़ दिया था। राणा अपने सहयोगी और पूर्व मंत्री के साथ सोमवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गये थे।
उन्होने कहा, ‘‘जम्मू घोषणापत्र मेरा राजनीतिक एजेंडा है। कुछ लोग पूछते है कि जम्मू घोषणापत्र क्या है, मैं कहना चाहता हूं कि यह एक अवधारणा है, जो विकसित हो रही है और जिसका आधार स्थापित किया गया है, जैसे गुपकर घोषणापत्र भी एक अवधारणा है और जिसकी रूपरेखा लोगों के परामर्श से पूरी की जाएगी।’’