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यदि मोदी को लगता है कि अनुच्छेद 370 से राज्य को नुकसान हुआ है तो वह कश्मीर छोड़ दें – महबूबा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख एवं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि यदि उन्हें (श्री मोदी) लगता है कि अनुच्छेद 370 से राज्य को नुकसान हुआ है तो वह कश्मीर छोड़ दें।

उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस पर अनुच्छेद-370 को कमजोर करने को लेकर निशाना साधा। सुश्री महबूबा ने प्रधानमंत्री के अनुच्छेद-370 को हटाने को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि अगर इसके कारण राज्य का नुकसान हुआ है तो वह कश्मीर क्यों नहीं छोड़ देते हैं।

कुलगाम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ दो वर्ष की गठबंधन सरकार के दैरान वह अनुच्छेद -370 को खत्म करने की तमाम कोशिशों के खिलाफ मोदी सरकार से लड़ती रहीं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष जून में भाजपा ने महबूबा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद गठबंधन सरकार गिर गई थी।

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उन्होंने दावा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से साफ कहा था कि अगर वह अनुच्छेद-370 से छेड़छाड़ करेंगे तो वह सरकार से अलग हो जाएंगी।

इससे पहले श्री मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भाजपा सरकार में वापस आने के बाद राज्य से अनुच्छेद-370 हटा देगी। भाजपा के चुनावी घोषणापत्र और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी कहा है कि पार्टी भारत के संविधान से अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35 ए को निरस्त कर देगी।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने मुख्यमंत्री रहते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड को हजारों कनाल जमीन दी थी तब उन्होंने अनुच्छेद-370 के बारे में क्यों नहीं सोचा।

उन्होंने कहा कि नेकां के संरक्षक मोहम्मद अब्दुल्ला ने वर्ष 1975 में भारत-शेख समझौते के बाद राज्य का प्रधानमंत्री पद छोड़ते हुए मुख्यमंत्री पद स्वीकार कर लिया था तब उन्होंने अनुच्छेद-370 के बारे में नहीं सोचा।

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