नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि राज्य में समय पर विधानसभा का चुनाव न कराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक तरह से अलगाववादियों और आतंकवादियों के आगे समर्पण किया है। उमर ने कहा है कि अधिकांश राजनीतिक पार्टियां अलगावादियों के चुनाव बहिष्कार और आतंकवादियों की धमकियों के बावजूद विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयार थीं। उन्होंने कहा कि मोदी राज्य में समय पर चुनाव नहीं करा पाने वाले 1996 के बाद एक मात्र प्रधानमंत्री हैं।
उन्होंने माइक्रो ब्लांगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, ”जम्मू-कश्मीर की अधिकांश राजनीतिक पार्टियां अलगाववादियों तथा आतंकवादियों के विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने तथा हिंसा फैलाने को धमकी को दरकिनार कर इसमें भाग लेने को तैयार थीं। दुर्भाग्य से पीएम मोदी और जम्मू-कश्मीर की उनकी अपंग टीम ने एक बार फिर इन ताकतों के सामने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया। शर्मनाक।”
अब्दुल्ला ने सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को टालने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बह बातें कहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यपाल प्रशासन राज्य में नवंबर के बाद चुनाव कराना चाहता है। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठबंधन टूटने और भाजपा द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के फैसले के बाद 20 दिसंबर 2018 से छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू है।