जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद पर तीखा प्रहार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश विरोधियों को भी करारा जवाब दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पुलवामा जिले में शहीद स्मारक पर सीआरपीएफ जवानों के साथ रात बिताने के लिए जम्मू-कश्मीर की अपनी 3 दिवसीय यात्रा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
42 जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए उठाया यह कदम
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शाह ने अपनी यात्रा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि वह अप्रैल 2019 में एक आतंकी आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 42 जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलवामा में लेथपोरा शहीद स्मारक पर सीआरपीएफ जवानों के साथ रात बिता सकें।
शाह जवानों के साथ करेंगे डिनर
सूत्रों ने कहा, वह लेथपोरा में सीआरपीएफ कैंप में डिनर (रात्रिभोज) करेंगे और आज (सोमवार) रात जवानों के साथ रहेंगे। शाह ने सोमवार को गांदरबल जिले के तुल्लामुल्ला कस्बे में स्थित माता खीर भवानी मंदिर में मत्था टेका। इस दौरान उन्होंने श्रीनगर में एक युवा रैली को भी संबोधित किया।
हमले वाली जगह का भी दौरा कर सकते हैं शाह
अमित शाह का जम्मू कश्मीर दौरा सरकार के मद्देनजर बेहद अहम है, इसलिए भी क्योंकि बीते कुछ दिनों से घाटी में हो रहे आतंकी हमलों से लोगों में डर का माहौल है। जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री लगातार ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि लोगों के मन से डर निकले। वे यहां जवानों से मुलाकात करेंगे और उनका मनोबल बढ़ाएंगे। इसके अलावा ये भी जानकारी मिल रही है कि शाह हमले वाले जगह का भी दौरा कर सकते हैं।
शाह ने मंच से बुलेट प्रूफ ग्लास शील्ड हटवाई
इससे पहले आज सुबह गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर लोगों को संबोधित किया था। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मंच से बुलेट प्रूफ ग्लास शील्ड हटवाई। इसके बाद संबोधन में लोगों से कहा था कि वे कश्मीर के लोगों से खुलकर बात करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने बुलेट प्रूफ शील्ड हटवाई।
अपने संबोधन में उन्होंने राज्य स्तर पर चल रही राजनीति पर भी निशाना साधा। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पाकिस्तान से नहीं कश्मीर के लोगों से बात करेंगे। बता दें कि फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि भारत सरकार को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए।
आखिरी पोस्ट पर पहुंचे शाह
अमित शाह ने इससे पहले दूसरे दिन भारत पाकिस्तान सीमा के आखिरी पोस्ट में जाकर लोगों से मुलाकात की थी। स्थानीय लोगों को अपना मोबाइल नंबर दिया था। कुल मिलाकर सरकार की तरफ से ये बताने की कोशिश की जा रही है कि केंद्र सरकार कश्मीर की आवाम के साथ है। इसके अलावा अमित शाह अपने दौरे से आतंकियों को मुंह तोड़ जवाब देना चाहते हैं।