महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे के 100 दिन पूरे होने पर विपक्षी भाजपा ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार भ्रमित है और वह पिछली सरकार द्वारा किये गए कामों को कथित तौर पर रोकने के लिये सरकार में हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एमवीए के घटक शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे पर विश्वास नहीं करते और उनकी सरकार ऐसी है जो पहले घोषणा करती है फिर बाद में पीछे हट जाती है।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ने के बाद राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाया था जो उसकी विचारधारा के विरोधी रहे हैं। फडणवीस ने दक्षिण मुंबई में कहा कि सत्ताधारी दलों में कोई समन्वय नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के मंत्री के जो मन में आता है, उसकी घोषणा करते हैं जबकि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्हें इस बारे में कुछ पता ही नहीं है।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है और फिर उन्हें वापस ले लेती है। फडणवीस ने कहा कि एमवीए सरकार ने पहले किसानों के पूर्ण कृषि कर्ज माफी, 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 100 फीसदी छात्रवृत्ति की घोषणा की लेकिन बाद में इन्हें वापस ले लिया। उन्होंने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक की मुसलमानों को पांच फीसदी आरक्षण देने की घोषणा का जिक्र किया जिस पर ठाकरे ने कहा था कि इस मुद्दे पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
फडणवीस ने कहा कि सीएए और एनपीआर को लेकर भी उनमें एक राय नहीं है, इसलिये ये भ्रमित सरकार है। उनमें एक दूसरे के बारे में भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, “वे सिर्फ भरोसे की बात करते हैं लेकिन है नहीं। यह एक स्थगन सरकार है जिसने अपने गठन के 100 दिनों में निश्चित रूप से 100 स्थगन दिये होंगे।”