महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के मद्देनजर राज्य की जेलों में सात साल अथवा उससे कम की कैद की सजा काट रहे 11000 कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई में शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ गुरुवार रात हुई बैठक में कैदियों की रिहाई से जुड़े औपचारिकताओं को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने का आदेश दिया है।
देशमुख ने कहा कि जेलों से भीड़ कम करने के लिये सात साल या उससे कम सजा वाले करीब 11,000 कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम विचाराधीन कैदियों को जमानत देने तथा निर्धारित सजा से अधिक काट चुके लोगों को पूर्णत: रिहा करने पर भी विचार कर रहे है।’’ गृह मंत्रालय ने पहले ही महाराष्ट्र के नौ केंद्रीय कारागारों (मुंबई, ठाणे, खारघर, नासिक, पुणे, औरंगाबाद, कलंबा, अमरावती और नागपुर) को भारी भीड़ के कारण कैदियों को स्थानांतरित करने के लिए कहा है। खास तौर पर मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में बड़ी संख्या में कैदी बंद हैं।
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गृह विभाग ने यह निर्धारित करने के लिए कि किस श्रेणी के कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा सकता है, एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति नियुक्त की है, जिसमें राज्य विधिक सेवा समिति, प्रमुख सचिव (गृह) और महानिदेशक (कारागार) शामिल हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण से पांच और लोगों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 135 पहुंच गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सामने आए पांच मामलों में से चार नागपुर शहर से मिले हैं जबकि एक मामला गोंदिया जिले से सामने आया है।