देशभर में कोविड 19 के खिलाफ जंग में 1 मई से ही वैक्सीनेशन के तीसरे चरण हो चुकी है, लेकिन कई राज्यों में अब भी टीकों की कमी की वजह से 18 से 44 साल के उम्र वाले लोगों के लिए टीकाकरण शुरू नहीं हो पाया है। 18 से 44 साल के बीच वाले लोगों के लिए वैक्सीन की किल्लतों से जूझ रहा महाराष्ट्र अब एक अलग प्रायोरिटी ग्रुप को पहले वैक्सीन देने पर विचार कर रहा है। शुक्रवार को सरकार ने इशारा किया कि टीकों की कमी और टीकाकरण केंद्रों पर उमड़ रही भीड़ को कंट्रोल करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार अब सबसे पहले 35 से 44 साल की उम्र वाले लोगों को वैक्सीन देने पर विचार कर रही है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश तोपे ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जल्द ही इस पर फैसला ले सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि 18-34 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन तब लगेगी, जब हमारे पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। राजेश टोपे ने कहा कि यह यह कदम तब उठाया गया है, जब हमने ऐसे कई उदाहरण देखे, जहां शहरी क्षेत्रों के लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण केंद्रों पर पंजीकरण करवा रखा है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के बीच अशांति का कारण बनती हैं।
कई जगहों पर शहरों के तकनीक-प्रेमी लोग तालुका और ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए तारीखें ले ले रहे हैं। जब तक हमारे पास टीकों की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति नहीं हो जाती है, तब तक हमें आयु समूह के अनुसार स्लॉट्स बनाने होंगे। अगर 18-44 आयु वर्ग के सभी लोगों वैक्सीन लेने जाने की अनुमति दी जाती है, तो भीड़ हो सकती है। फिलहाल, हमारी योजना 35 से 44 आयु वर्ग की है। मैं मुख्यमंत्री के साथ इस पर चर्चा करूंगा।
बता दें कि महाराष्ट्र में बुधवार और गुरुवार को 45 साल से अधिक उम्र के 700000 लोगों को वैक्सीन लगी। इसके बाद राज्य को सीमित संख्या में वैक्सीन बची हैं। टोपे ने कहा कि हमारे पास करीब 100,000 खुराके हैं और इस तरह से इस वीकेंड 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान धीमा होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र को केंद्र सरकार से इस सप्ताह की शुरुआत में 900,000 खुराक मिली थी।