देहरादून : कैबिनेट बैठक में नौ प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इनमें से एक प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है। बैठक में फैसला लिया गया कि उत्तराखंड पुलिस के 33 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। इसमे आर्म्ड फोर्स को भी शामिल किया गया है। वेतन निर्धारण विसंगति भी दूर की गई है। इससे करीब ढेड़ लाख कर्मचारी लाभांवित होंगे। इसके साथ ही एकल आवास व्यवसायिक भवन में अवैध को वैध करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना लाने पर भी मुहर लगाई गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत सहित तमाम सांसद और विधायक मौजूद रहे। कैबिनेट बैठक में लिए निर्णयों की जानकारी पत्रकारों को कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दी। इस दौरान लोक सेवा आयोग की नियमावली में संशोधन हुआ।
ये संसोधन लोक सेवा अधिकारी से जुड़ा हुआ है। त्रिवेंद्र कैबेनिट ने उत्तराखंड भवन निर्माण और विकास उपविधि विनियम के मानकों में संशोधन किया है। भवन निर्माण नीति में संसोधन किया गया। वहीं, पहाड़ों और मैदान के बीच वाले भाग में फुट हिल नीति बनाई जाएगी। प्राधिकरणों को इसमें कार्य करने के लिए कहा गया है। देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी, चंपावत जिलों में काम करेंगे प्राधिकरण। फुट हिल नीति में भवनों की ऊंचाई 21 मीटर से ज्यादा नहीं होगी।
सड़क की चौड़ाई नौ मीटर से घटाकर 6.75 मीटर कर दिया गया है। वहीं, नगर निगम अधिनियम 1965 की धारा 135 और 136 में बदलाव किया गया है। निगम के बजट में बढ़ोतरी की गई है, जिसमें नगर आयुक्त को 50 हजार से 10 लाख, मेयर को 1 लाख से 12 लाख। केवल देहरादून के मेयर को 12 लाख, अन्य मेयर को 6 लाख और कार्यसमिति को 25 लाख व बोर्ड की लिमिट अनिलिमिट कर दिया गया है। इस फैसले के बाद अब निगमों को शासन की ओर बजट के लिए नहीं देखना पड़ेगा।
इस तरह उत्तराखंड हिंदुस्तान का पहला राज्य बन गया है जिसने नगर निगम को असीमित वित्तीय शक्ति दे दी है। पहले नगर आयुक्त देहरादून को 50 हज़ार की ही वित्तीय पॉवर थी जो अब 10 लाख हो गई है। पहले मेयर को 1 लाख की वित्तीय पॉवर थी जो अब 12 लाख कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश के बचे नगर निगमों के महापौर भी 6 लाख तक की धनराशि ख़र्च कर सकेंगे।