कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने घोषणा की है कि किसानों के साथ जतायी गयी 46,000 करोड़ रूपए की रिण माफी की प्रतिबद्धता कांग्रेस और जद-एस सरकार के दूसरे बजट में पूरी की जाएगी। मुख्यमंत्री फरवरी में बजट पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले की योजना के अनुसार रिणमाफी को चार चरणों में पूरा करने के बदले अब इसे बजट में जरूरी आवंटन के साथ एक बार में ही लागू किया जाएगा।
इस मुद्दे पर बीजेपी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व पर भी उन्होंने निशाना साधा जो मुख्यमंत्री की अक्सर आलोचना करते रहे हैं। जद-एस नेता ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की भी आलोचना की। राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में बीजेपी की एक बैठक में कथित तौर पर कहा था कि राज्य सरकार ने रिणमाफी का वादा किया था लेकिन रिण वसूली के लिए किसानों को नोटिस जारी किया जा रहा है।
कुमारस्वामी ने कहा कि नोटिस राष्ट्रीय बैंकों द्वारा जारी किए जा रहे हैं जो केंद्र सरकार के तहत आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह बीजेपी नेताओं की निम्न मानसिकता को दिखाता है। यह दर्शाता है कि उन लोगों ने किसानों की समस्याओं को दूर करने के मुद्दे को कितने हल्के में लिया है…आठ फरवरी। मैं 2019-20 के लिए नया बजट पेश करूंगा।
हमने कैबिनेट के फैसले के रूप में घोषणा की है कि रिण माफी चार चरणों में होगी, हम इसे चार चरणों में नहीं ले जाएंगे।’’ उन्होंने जोर दिया कि राजकोषीय जिम्मेदारी का उल्लंघन किए बिना ऐसा किया जाएगा। रिण माफी योजना के कार्यान्वयन में देरी का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके राज्य की योजना आने वाले दिनों में अन्य राज्यों के लिए मॉडल होगा।
उन्होंने कहा कि किसानों की रिण माफी के कार्यान्वयन के लिए उनकी सरकार का दिशानिर्देश भविष्य में किसी भी सरकार के लिए मॉडल होगा जो रिण माफी का फैसला करती है। उन्होंने कहा कि 11 जनवरी तक रिण माफी योजना 1,70,000 किसानों तक पहुंच चुकी है और इसके लिए 900 करोड़ रूपए जारी किए जा चुके हैं। गठबंधन ढांचे की परेशानियों को रेखांकित करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि किसान रिण माफी योजना उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।