असम और मेघालय के बीच 50 साल से चला आ रहा सीमा विवाद जल्द ही सुलझने गया है। बीते दिन असम के सीएम सरमा ने कहा कि उनकी सरकार मेघालय के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर छह बिंदुओं के साथ एक परस्पर सहमति पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि अगर नागरिक समाज संगठन और विपक्षी दल सरकार साथ आ जाएं तो इस महीने इन छह बिंदुओं पर एक समझौता हो सकता है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमाके साथ हुई एक बैठक के बाद असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारे बीच आज एक परस्पर सहमति बनी है जिसे आगे ले जाना होगा।
उन्होंने कहा कि लोग इस मामले में शामिल हैं। यह फैसला राज्य हित में होगा। सरकार अकेले फैसला नहीं कर सकती। सरमा ने कहा कि असम सरकार 18 जनवरी को इस मामले पर विपक्षी राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संगठनों के साथ विचार-विमर्श करेगी। उन्होंने कहा कि मेघालय भी अंत में इसी तरह की चर्चा करेगा। सरमा ने कहा, ‘अगर कुल मिलाकर लोग हमारे फैसलों को स्वीकार करते हैं और हम भी इसके बारे में आश्वस्त हैं, तो इसी महीने असम और मेघालय सरकारों के बीच एक समझौता हो सकता है।
समझौते को लेकर नहीं किया कोई खुलासा
उन्होंने कहा, ‘सैद्धांतिक रूप से दोनों सरकारें इस बात पर सहमत हो गई हैं कि सीमा विवादों पर हमारा आकलन समान है।’ हालांकि, सरमा ने उस समझौते को लेकर कोई खुलासा नहीं किया जो दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार किया जाना है. पिछले साल मई में सरमा के सत्ता संभालने के बाद से सीमा मुद्दे पर सरमा और संगमा के बीच मुख्यमंत्री स्तर की चार दौर की बातचीत हो चुकी है। सीमा विवाद को चरणबद्ध तरीके से सुलझाने के लिए सरमा और संगमा के बीच पहले दो दौर की बातचीत के बाद इस साल अगस्त में दोनों राज्य सरकारों द्वारा तीन-तीन समितियों का गठन किया गया था।
12 बिंदुओं में से छह पर बनी आपसी सहमति
इससे पहले, सरमा ने कहा था कि असम और मेघालय के बीच विवादों के कुल 12 बिंदुओं में से, पहले चरण में अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण अंतर वाले छह क्षेत्रों को लिया गया है। उन्होंने कहा था, ‘कुछेक क्षेत्रों को छोड़कर मेघालय के साथ विवाद बहुत छोटे हैं। विवाद ज्यादातर कागजों पर हैं और सीमा के निवासियों को उनकी मर्जी से अलग पक्ष चुनने के लिए मजबूर करने का कोई सवाल ही नहीं है।’ उन्होंने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया था कि मेघालय के अपराधी तत्व असम के निवासियों को पड़ोसी राज्य चुनने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहे हैं।