भारत में तीसरी लहर के आने की संभावना जताई जा रही है और डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों ने लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है। वही डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इस बीच मध्य प्रदेश में अब तक कम से कम आठ लोग डेल्टा प्लस संस्करण से संक्रमित मिले हैं।
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। हालांकि इन मरीजों के संपर्क का कोई व्यक्ति वायरस के इस संस्करण से संक्रमित नहीं पाया गया है। सारंग ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि डेल्टा प्लस संस्करण से संक्रमित रोगियों का दिशा निर्देश के अनुसार परीक्षण किया जा रहा है और इस संबंध में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) प्रदेश को नियमित रूप से जानकारी साझा कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस संस्करण के कम से कम आठ मामले हमारे संज्ञान में आए हैं और हमारा ध्यान परीक्षण में तेजी लाने पर है।’’ उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इन रोगियों के संपर्क में आने वाले लोगों पता लगाया गया और इनमें कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया है।
मंत्री ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भोपाल में एक प्रयोगशाला स्थापित करने का निर्णय लिया है ताकि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द प्राप्त की जा सके। इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि इस साल मई में मरने वाले दो व्यक्ति डेल्टा प्लस संस्करण से संक्रमित पाए गए थे और वह अशोक नगर और उज्जैन के रहने वाले थे।
उन्होंने बताया कि इनकी मृत्यु तो मई माह में हुई लेकिन डेल्टा प्लस संस्करण से संक्रमित होने की इनकी रिपोर्ट बाद में प्राप्त हुई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में शुक्रवार को कोविड-19 के 50 नए मामले मिले है जबकि 22 लोगों की मौत हो गयी और इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 7,89,611 हो गई तथा इस महामारी से अब तक मरने वालों की संख्या 8,871 हो गई है।