इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के संस्थापक अब्बास सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम मतदाताओं के वोट मांगकर जनता को विभाजित करने का प्रयास कर रही हैं और उनके इस तरीके से भाजपा को मदद मिल रही है।
ममता बनर्जी चुनाव हार रही है
प्रभावशाली मुस्लिम मौलवी ने साक्षात्कार में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री लोगों को हिंसा के लिए उकसा रही हैं क्योंकि यह बात साफ हो चुकी है कि वह चुनाव हार रही हैं। सिद्दीकी ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी मुस्लिम मतदाताओं के वोट मांगकर जनता को विभाजित करने की कोशिश कर रही हैं। यह अनुचित है। वह ऐसा क्यों कह रही हैं कि हिंदू और मुस्लिम वोटों को विभाजित नहीं होना चाहिए? जनता जिसे चाहेगी वोट देगी।’’
लोगों में विभाजन की कोशिश
गौरतलब है कि ममता बनर्जी के इसी तरह के एक बयान पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है। सिद्दीकी ने कहा, ‘‘वह कह रही हैं कि 30 प्रतिशत वोट नहीं बंटने चाहिए, जिसका मतलब हुआ कि भाजपा को 70 प्रतिशत वोटों के लिए काम करना चाहिए। क्या उन्हें वो 70 प्रतिशत वोट नहीं चाहिए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में विभाजन की कोशिश संविधान के विरुद्ध है और लोकतंत्र के भी खिलाफ है।’’
मुख्यमंत्री को निजी हमलों से बचना चाहिए
सिद्दीकी ने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी पर मुसलमानों में वोटों के विभाजन की बात करके इस समुदाय के बीच अशांति पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर हिंसा जैसी कोई चीज होती है तो अंतत: मुस्लिमों को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को निजी हमलों से बचना चाहिए और सच के साथ वोट मांगने चाहिए।
दीदी ही भाजपा हैं
हुगली जिले में राज्य के बांग्लाभाषी मुस्लिमों के पवित्र धर्मस्थल फुरफुरा शरीफ के पीरजादा, सिद्दीकी ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों पर कहा, ‘‘मुझे पता है कि दीदी ही भाजपा हैं। उनसे जाकर पूछिए कि मुझे कितना पैसा मिला है, वह सही से बता सकती हैं।’’
जनसभा में कहा था ‘शैतान’
गौरतलब है कि बनर्जी ने तीन अप्रैल को हुगली जिले के ताड़केश्वर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से आग्रह किया था कि एक ‘शैतान’ की बात सुनकर अल्पसंख्यक वोटों को बंटने नहीं दें। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ‘शैतान’ ने सांप्रदायिक बयान देने और हिंसा भड़काने के लिए भाजपा से पैसे लिए हैं।
‘संयुक्त मोर्चा’ आगे बढ़ रहा है
सिद्दीकी ने जनवरी में आईएसएफ पार्टी बनाई थी। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस और वाम मोर्चा के साथ हाथ मिलाकर ‘संयुक्त मोर्चा’ बनाया था। उन्होंने दक्षिण 24 परगना जिले में प्रचार के दौरान कहा, ‘‘पहले तीन चरणों के मतदान के बाद मैं कह सकता हूं कि संयुक्त मोर्चा आगे है। हम देख रहे हैं कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस पिछड़ रहे हैं, जबकि गठबंधन आगे बढ़ रहा है।’’
पश्चिम बंगाल में 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है जिसे करीब 100-110 विधानसभा सीटों पर निर्णायक माना जाता है। ऐसे में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबला होने पर वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन की भूमिका अहम रहेगी।