देश के हवाईअड्डों को निजीकरण की प्रक्रिया में शामिल करके भारत की मोदी सरकार राजस्व कमाना चाहती है और हवाईअड्डे के विकास और कार्यभार की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहती है। इसी कड़ी में सरकार ने गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के संचालन, प्रबंधन और विकास की जिम्मेदारी अडाणी ग्रुप को सौंप दी है। एक आला अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह औपचारिक तौर हुआ।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि पूर्वोत्तर के सबसे प्रमुख हवाई अड्डे के विकास और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के हवाईअड्डा निदेशक रमेश कुमार ने मध्यरात्रि में आयोजित एक कार्यक्रम में नए हवाईअड्डा संचालक (अडाणी ग्रुप) के मुख्य हवाईअड्डा अधिकारी उत्पल बरुआ को गुवाहाटी हवाई अड्डे की एक प्रतीकात्मक कुंजी सौंपी।
इतने साल तक अडानी ग्रुप का हुआ गुवाहाटी हवाईअड्डा-
भारत सरकार ने 2018 में गुवाहाटी हवाई अड्डे को उन छह हवाई अड्डों के समूह में शामिल किया था जिन्हें 50 वर्षों की अवधि के लिए संचालन, प्रबंधन और विकास (ओएमडी) की खातिर निजीकरण के लिए निर्धारित किया गया है। बाकी हवाई अड्डों में अहमदाबाद, लखनऊ, मेंगलूर, जयपुर और तिरुवनंतपुरम शामिल हैं।
अडाणी एंटरप्राइज लिमिटेड सभी छह हवाई अड्डों के लिए सफल बोलीदाता के रूप में उभरा। इस के अनुरूप एएआई और अडाणी एंटरप्राइज लिमिटेड ने इस साल 19 जनवरी को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। बयान में कहा गया है कि शुक्रवार से नयी हवाईअड्डा संचालक अडाणी गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एजीआईएएल) हवाई अड्डे के संचालन, प्रबंधन और विकास की जिम्मेदारी संभाल लेगी।