देश में बढ़ती आबादी विकास में बड़ी बाधा बन रही है, ऐसे में उत्तर प्रदेश ने इससे निपटने के लिए एक नई जनसंख्या नीति का ऐलान किया है। तो वहीं, पूर्वी भारत में असम ने भी जल्द ही इस संबंध में एक नीति लाने की घोषणा की है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नई जनसंख्या नीति पर कहा कि यह प्रदेश के विकास को गति देने के लिए काफी आवश्यक हो गया था, इसलिए नीति को लाने का अब उचित समय है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने सीमित प्राकृतिक संसाधनों के बीच बढ़ती आबादी को रोकने के लिए पार्टी शासित असम और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कर्नाटक में एक नई जनसंख्या नीति लाने की मंगलवार को वकालत की। चिक्कमंगलुरु से भाजपा विधायक रवि ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि कर्नाटक अपनी बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए असम और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर एक नई जनसंख्या नीति लाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीमित प्राकृतिक संसाधनों के उपलब्ध होने से जनसंख्या विस्फोट होने पर प्रत्येक नागरिक की आवश्यकताओं को पूरा करना कठिन होगा।’’ इससे पहले, राज्य के कानून मंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा था कि चर्चा और विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया जाएगा।
‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ को हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बढ़ती जनसंख्या को स्थिर करने और समयबद्ध तरीके से मातृ एवं शिशु मृत्यु को कम करने के लिए पेश किया था। उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा राज्य विधि आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है। भाजपा शासित एक और राज्य असम ने भी घोषणा की है कि वह राज्य द्वारा वित्त पोषित विशिष्ट योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए धीरे-धीरे दो-बच्चों की नीति को लागू करेगा।