कर्नाटक में येदियुरप्पा के साढ़े चार दशक के निर्विवाद नेतृत्व के लिए उपयुक्त विकल्प खोजने की चुनौती का सामना कर रही भाजपा विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। विकल्पों में लिंगायत वोट बैंक को बरकरार रखने के साथ-साथ अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़े समुदायों और पार्टी के लिए वोक्कालिगा वोटों को मजबूत करने के लिए नेतृत्व स्थापित करना शामिल है।
येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में गृह मंत्री रहे बसवराज एस बोम्मई ने यहां संवाददताओं से कहा,‘‘ एक निजी होटल में शाम सात बजे पार्टी विधायक दल की बैठक है।’’ मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके बाद भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक होगी जहां अंतिम निर्णय (नए मुख्यमंत्री के संबंध में) लिया जाएगा।
पार्टी के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बताया कि भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व के पर्वेक्षक – केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, जी कृष्ण रेड्डी और भाजपा के महासचिव तथा कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह के विधायक दल की बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।मंगलवार शाम को होने वाली विधायक दल की बैठक में पार्टी सीएम पद के लिए उम्मीदवार को अंतिम रूप देने से पहले इन कारकों पर चर्चा हो सकती है। सूत्र बताते हैं, अगर लिंगायत उम्मीदवार को शीर्ष पद के लिए चुना जाता है, तो एससी, ओबीसी और वोक्कालिगा समुदायों को प्रतिनिधित्व देने के लिए तीन या तीन से अधिक उपमुख्यमंत्री होंगे।
यदि लिंगायत के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार को मौका दिया जाता है, तो येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. विजयेंद्र पर उप मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किया जा सकता है। ऐसे में पार्टी सिर्फ लिंगायत वोट बैंक को मनाने के लिए एक उपमुख्यमंत्री का पद अपने पास रखेगी। यदि पार्टी लिंगायत के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार को चुनती है, तो अन्य समुदाय के नेताओं को समायोजित करने के लिए तीन या अधिक उप मुख्यमंत्री पद सृजित किए जाएंगे।
पार्टी वरिष्ठ नेता अरविंद लिंबावली को पार्टी अध्यक्ष के रूप में स्थापित करने पर भी विचार कर रही है। उत्तरी कर्नाटक के एक दलित नेता लिंबावली बेंगलुरु में चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। पार्टी सोच रही है कि अगर किसी दलित को पार्टी प्रमुख बनाया जा रहा है और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पदों पर अन्य समुदायों का प्रतिनिधित्व किया जा सकता है, तो यह राज्य में मुख्य विपक्षी दल, कांग्रेस के वोट बैंक को एक मजबूत झटका दे सकता है। गौरतलब है कि येदियुरप्पा ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के दिन सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया था।