दिल्ली में जंतर-मंतर पर रविवार को ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ के तहत आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। आंदोलन में मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की गई। इसको लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताते हुए कोई सवाल खड़े किए।
एआईएमआईएम प्रमुख ने ट्वीट करते हुए लिखा, “पिछले जुम्मे को द्वारका में हज हाउस के विरोध में एक ‘महापंचायत’ बुलाई गई। हस्ब-ए-रिवायत, इस पंचायत में भी मुसलमानों के खिलाफ पुर-तशद्दुद् नारे लगाए गए। जंतर मंतर मोदी के महल से महज 20 मिनट की दूरी पर है, ‘जब मुल्ले काटे जाएंगे..’ जैसे घटिया नारे लगाए गए।”
उन्होंने कहा, आख़िर, इन गुंडों की बढ़ती हिम्मत का राज़ क्या है? इन्हें पता है कि मोदी सरकार इनके साथ खड़ी है। 24 जुलाई को भारत सरकार ने रासुका (NSA) के तहत दिल्ली पुलिस को किसी भी इंसान को हिरासत में लेने का अधिकार दिया था। फिर भी दिल्ली पुलिस चुपचाप तमाशा देख रही है।
आख़िर, इन गुंडों की बढ़ती हिम्मत का राज़ क्या है? इन्हें पता है कि मोदी सरकार इनके साथ खड़ी है।24 जुलाई को भारत सरकार ने रासुका (NSA) के तहत दिल्ली पुलिस को किसी भी इंसान को हिरासत में लेने का अधिकार दिया था। फिर भी दिल्ली पुलिस चुप चाप तमाशा देख रही है। 3/n
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 9, 2021
ओवैसी ने कहा, ऐसे हालात बन चुके हैं कि इंसाफ और कानूनी कार्रवाई की मांग करना भी मजाक बन चुका है। लोकसभा में इस पर चर्चा होनी चाहिए, वजीर-ए-दाखला की जवाबदेही होनी चाहिए। मैंने इस मुद्दे पर लोकसभा के रूल्स के मुताबिक स्थगन प्रस्ताव की नोटिस दी है।
बता दें कि जंतर मंतर पर इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के वकील और पूर्व बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने की थी। मामले में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बड़ा एक्शन लेते हुए वकील अश्विनी उपाध्याय को हिरासत में ले लिया है। अश्विनी उपाध्याय के अलावा विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह को भी हिरासत में लिया गया है, सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही इन सभी को गिरफ्तार किया जा सकता है।
भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि अधिवक्ता और पूर्व बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था। हालांकि मुसलमान विरोधी नारेबाजी करने वालों से उन्होंने किसी तरह के संबंध से इनकार किया है।
श्रीवास्तव ने कहा, “यह प्रदर्शन औपनिवेशिक कानूनों के खिलाफ हुआ था और इस दौरान 222 ब्रिटिश कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई। हमने वीडियो देखा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन थे। पुलिस को नारा लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”