एआईयूडीएफ ने मंगलवार को दावा किया कि हाल में खत्म हुए असम विधानसभा चुनाव में भाजपा के पांच-छह उम्मीदवारों ने पार्टी से संपर्क कर कांग्रेस नीत महागठबंधन का समर्थन करने का वादा किया है। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) भी कांग्रेस नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा है।
भगवा पार्टी द्वारा खरीद-फरोख्त की आशंका के कारण पिछले सप्ताह जयपुर भेजे गए करीब 20 एआईयूडीएफ उम्मीदवारों में से एक करीम उद्दीन बरभुइया ने कहा, ‘‘भाजपा के पांच-छह उम्मीदवारों ने मुझसे संपर्क कर महागठबंधन का समर्थन करने की बात कही है।’’ भाजपा के किन उम्मीदवारों ने संपर्क किया है, यह पूछे जाने पर एआईयूडीएफ के महासचिव बरभुइया ने कहा, ‘‘अभी नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता। आपको दो मई (मतगणना) के बाद पता चल जाएगा।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन दावों को खारिज किया है। क्या वे बराक या ब्रह्मपुत्र घाटी के भाजपा उम्मीदवार हैं, इस सवाल पर एआईयूडीएफ नेता ने कहा, ‘‘वे समूचे असम से हैं।’’जीत के बाद भाजपा उम्मीदवारों के महागठबंधन का समर्थन करने की स्थिति में उन पर दल-बदल कानून लागू हो जाएगा, यह उल्लेख करने पर एआईयूडीएफ नेता ने कहा, ‘‘वे फिर से चुनाव लड़ेंगे।’’
खरीद-फरोख्त की आशंका के चलते एआईयूडीएफ के 20 उम्मीदवारों को कुछ दिन पहले राजस्थान भेजने संबंधी खबरों से बरभुइया ने इनकार किया और दावा किया कि सघन चुनाव अभियान के बाद वे सैर-सपाटे के लिए और अजमेर शरीफ दरगाह गए थे। बरभुइया ने कहा कि वह सोमवार को असम लौट आए तथा बाकी नेता भी बुधवार को वापस आएंगे।
बहरहाल, भाजपा प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने एआईयूडीएफ के दावों का पुरजोर खंडन करते हुए कहा कि ‘‘हमारा कोई भी उम्मीदवार विपक्षी दल के संपर्क में नहीं है। हमारी पार्टी अनुशासित है और इसके सदस्य पार्टी नेतृत्व को बताए बिना किसी दूसरे राजनीतिक दल से संपर्क नहीं करते।’’ गोस्वामी ने कहा, ‘‘एआईयूडीएफ से संपर्क करने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि भाजपा असम में चुनाव जीतेगी और सरकार बनाएगी।’’
गोस्वामी ने तंस कसते हुए कहा, ‘‘देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई राजनीतिक दल चुनाव परिणाम की घोषणा के पहले ही उम्मीदवारों द्वारा संपर्क किए जाने का दावा कर रहा है।’’ असम की 126 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में हुआ और दो मई को मतगणना होगी।