महाराष्ट्र में शिंदे की सरकार बनने के बाद सियासी हलचल बढ़ी हुई है। क्योंकी बार बार खबरे आ रही है कि शिंदे सरकार गिर सकती है कई दिन ये कयास लगाए जा रहे है। कहा जा रहा है कि शिवसेना शिंदे गुट के 16 विधायकों के ऊपर निलंबन की तलवार लटकी हुई है। जिस पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष को लेना है। इसलिए माना जा रहा है कि शिंदे की सरकार गिर सकती है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने ऐसी बात कही है जो शिंदे फडणवीस सरकार के लिए तो राहत भरी है लेकिन उद्धव ठाकरे के लिए टेंशन बढ़ाने वाली है। सरकार गिरने को लेकर पवार ने कहा है कि शिंदे सरकार को कोई खतरा नहीं है।
16 विधायक अयोग्य भी हुए तो सरकार नहीं गिरेगी
अजित पवार ने कहा कि अगर 16 विधायक अयोग्य करार दिए जाते हैं तो भी शिंदे और फडणवीस की सरकार गिरने वाली नहीं है। सरकार को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर 16 विधायक अपनी सदस्यता खो भी देते हैं तो 288 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बहुमत का नंबर खोने वाली नहीं है.
महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को पत्र सौंपा
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना में बगावत पर सुनवाई के दौरान विधायकों की अयोग्यता का फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था। अब शिवसेना उद्धव ठाकरे के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिंदे खेमे के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में कार्रवाई की मांग की है और महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को एक पत्र सौंपा है। अजित पवार ने इसे लेकर ही सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें ये सारी बाते कही गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिवसेना यूबीटी ने शिंदे कैंप के 16 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल और विधानसभा सचिव जितेंद्र भोले को पत्र सौंपा था।
स्पीकर विदेश दौरे पर
इस मामले पर शिवसेना यूबीटी के सुनील प्रभु ने कहा कि शीर्ष अदालत के उस आदेश पर जिसमें कहा गया है कि शिंदे कैंप के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला स्पीकर ले सकते हैं। यूबीटी सेना ने अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा है। इसमें उन्होंने कहा अभी स्पीकर विदेश दौरे से वापस नहीं लौटे हैं, इसलिए हमने यह पत्र डिप्टी स्पीकर को सौंपा है।