अजीत पवार चाहते हैं कि औरंगाबाद में शांति बनाए रखने के लिए सभी राजनीतिक दल और नागरिक मिलकर काम करें। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और नागरिकों को औरंगाबाद में शांति कायम करने की दिशा में काम करना चाहिए। औरंगाबाद में हाल ही में दो समूहों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। औरंगाबाद के किराडपुरा इलाके में राम मंदिर के पास दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस ने जब स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, तब करीब 500 लोगों की भीड़ ने पथराव किया और पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकी, जिसमें 10 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 12 लोग घायल हो गये। घायलों में से एक की मौत इलाज के दौरान हो गई। औरंगाबाद का नाम बदलकर अब छत्रपति संभाजीनगर कर दिया गया है।
कायम करने के लिए काम करना चाहिए
पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, “संभाजीनगर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। शांतिपूर्ण माहौल कायम रहे, इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है। हालांकि मैं विपक्ष का नेता हूं, लेकिन मैं ऐसा कोई बयान नहीं दूंगा, जिससे माहौल खराब हो।’’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है, लेकिन राजनीतिक दलों, सत्ता पक्ष या विपक्ष, नागरिक समाज और आम नागरिकों सहित सभी को वहां शांति कायम करने के लिए काम करना चाहिए। पवार ने कहा कि उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर के लोगों से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के कुछ लोगों के प्रयासों का शिकार न होने की अपील की है।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े
औरंगाबाद में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की संयुक्त रैली के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि रैली की योजना बहुत पहले बनाई गई थी और एमवीए घटक - राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के नेता इसके लिए काम कर रहे हैं।
यह झड़प बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और प्लास्टिक की गोलियां चलाईं। पुलिसकर्मियों को कारतूसों का भी इस्तेमाल करना पड़ा था। इस बीच, शहर में सामान्य स्थिति बहाल हो गई, जहां वर्तमान में राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की पांच कंपनियां तैनात हैं।