केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर बीते दिन यानी शुक्रवार को अंडमान और निकोबार पहुंचे। गृहमंत्री शाह शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां से अंडमान-निकोबार के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस मौके पर उनके साथ लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डी. के. जोशी (रिटायर्ड) भी मौजूद रहे। वहीं, शाह ने अपने संबोधन में कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह स्वतंत्रता का तीर्थ स्थान है। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी युवाओं से एक बार अंडमान और निकोबार की यात्रा करने का आग्रह करता हूं।’
ग्रह मंत्री ने आज यहां 14 परियोजनाओं का उद्घाटन किया है, जिसकी कुल कीमत 299 करोड़ रुपये है। 12 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है, उसकी लागत 643 करोड़ रुपये है। अंडमान के छोटे से द्वीप के अंदर लगभग 1,000 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं को शुरू कर रहे है। गृह मंत्री ने कहा, ‘वर्षों तक कई नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की गई। लेकिन अब उन्हें इतिहास में उचित स्थान देने का समय आ गया है। अपने प्राणों की आहुति देने वालों को इतिहास में जगह मिलनी चाहिए। इसलिए हमने इस द्वीप का नाम नेताजी के नाम पर रखा है। ’उन्होंने कहा, ‘इस साल हम आजादी का अमृत महोत्सव और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहे हैं। जब हम नेताजी के जीवन को देखते हैं तो हमें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। वह जिस स्थान के हकदार थे, वह इतिहास में उन्हें नहीं दिया गया।’
‘वीर’ शब्द कोई नहीं मिटा सकता
उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने सावरकर के नाम के आगे ‘वीर’ शब्द बड़े ही आदर और श्रद्धा से लगाया है, जिसे कोई मिटा नहीं सकता. इसके बाद गृह मंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लोगों के सामने आने वाली कनेक्टिविटी समस्या को हल करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर योजना की नींव रखी थी, जिसका उद्घाटन साल 2020 में किया गया था।