आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से अवैध शराब (नटु सारा) को प्रतिबंधित करने के तमाम प्रयासों के बावजूद इस प्रतिबंधित गतिविधि को राज्य के कई हिस्सों में अंजाम दिया जा रहा है। स्पेशल इंफोर्समेंट ब्यूरो (एसईबी) के कमीश्नर विनीत बृजलाल ने बताया कि आमतौर पर इसका उत्पादन आंध्र प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में किया जाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि आंध्र प्रदेश एक बड़ा राज्य है और इसी के चलते पूर्वी गोदावरी के छोटे-छोटे द्वीपों और अन्य वन्य क्षेत्रों में इनका उत्पादन होना आम बात है।
लगभग एक साल पहले आंध्र प्रदेश सरकार ने विशेष प्रवर्तन ब्यूरो की स्थापना की थी। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों (आईपीएस) के नेतृत्व में इसका काम नाटु सारा सहित मारिजुआना का उत्पादन और बिक्री, अवैध रेत खनन और बिक्री, लाल चंदन की तस्करी सहित अन्य अपराधों पर नकेल कसना था।
बृजलाल द्वारा पिछले दस महीनों के साझा किए आंकड़ों के मुताबिक, एसईबी अधिकारियों द्वारा 1.3 करोड़ लीटर खमीरीकृत गुड़ को नष्ट किया गया है, 3.2 लाख काला गुड़ बरामद किया गया है। इस मामले में 89,518 केस दर्ज किए गए हैं और 24,934 वाहनों को जब्त किया गया है। अकेले शराब से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने के चलते 1.17 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस संख्या से पता चलता है कि राज्य में इस तरह के अपराधों का बोलबाला है। यह भी साफ है कि एसईबी के प्रयासों के बावजूद राज्य में अवैध गतिविधियां अपने चरम पर है।