पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का प्लेन एक हादसे का शिकार होने से बच गया। उनके प्लेन के सामने एक अन्य प्लेन आ गया, जिसके कारण कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन पायलट की मुस्तैदी के चलते प्लेन की टक्कर टल गई। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री बनर्जी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने के बाद राज्य लौट रही थीं तभी यह घटना हुई। उन्होंने विधानसभा में संवाददाताओं से कहा, “अचानक से एक अन्य विमान मेरे विमान के सामने आ गया था। अगर 10 सेकंड तक वही स्थिति रहती तो दोनों विमान टकरा जाते। पायलट की मुस्तैदी के कारण मैं बच गई। विमान छह हजार फुट नीचे आ गया था। मुझे पीठ और छाती में चोट आई। अब भी मुझे दर्द है।”
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बनर्जी ने यह भी दावा किया कि उनका विमान किसी एयर पॉकेट में नहीं गया था। शुक्रवार शाम को बनर्जी को ले जा रही एक चार्टर्ड उड़ान में संचालन के दौरान गतिरोध (टर्बुलेन्स) उत्पन्न हुआ जिससे विमान अजीब तरीके से हिलने लगा था। पायलट विमान को नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतारने में कामयाब रहा। मुख्यमंत्री दसॉ फाल्कन 2000 में सवार थीं, जो 10.3 टन वजन का हल्का विमान है, जिसमें दो फ्लाइट अटेंडेंट सहित अधिकतम 19 लोगों को ले जाने की क्षमता है।
ममता बनर्जी के प्लेन में उड़ान के दौरान दिक्कत पेश आने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) से रिपोर्ट तलब की थी। इस घटना में बनर्जी की पीठ और सीने में चोट आई थी। राज्य सरकार ने डीजीसीए से यह भी जानना चाहा कि बनर्जी के निजी विमान के मार्ग को मंजूरी दी गई थी या नहीं।