छत्तीसगढ़ राज्यपाल अनुसुईया उइके बोलीं- पुलिस को करना पड़ता है कई तरह की चुनौतियों का सामना - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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छत्तीसगढ़ राज्यपाल अनुसुईया उइके बोलीं- पुलिस को करना पड़ता है कई तरह की चुनौतियों का सामना

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सोमवार को कहा कि राज्य में पुलिस को बहुआयामी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने पुलिस को जनता के प्रति संवेदनशील बनाने पर ध्यान दिया है।

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सोमवार को कहा कि राज्य में पुलिस को बहुआयामी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने पुलिस को जनता के प्रति संवेदनशील बनाने पर ध्यान दिया है, वहीं सुरक्षा बलों के लिए अनेक कल्याणकारी निर्णय लिए हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों को सदन में रखा। राज्यपाल उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पुलिस बल को बहुआयामी चुनौतियों से जूझना पड़ता है, इसलिए सरकार ने एक ओर जहां पुलिस कर्मियों को आम जनता के प्रति संवेदनशील बनाने पर ध्यान दिया, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा बलों की आवश्यकताओं को देखते हुए अनेक कल्याणकारी निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि रिस्पांस भत्ता, नाश्ता तथा भोजन दरों में बढ़ोतरी, स्पंदन अभियान, संवेदना कार्यक्रम, अनुकम्पा नियुक्ति, शहीद जवानों के आश्रितों के लिए अनुग्रह राशि तीन लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए तथा शहीदों के आश्रित परिवारों को अनुग्रह अनुदान जैसी योजनाओं का व्यापक असर हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सल गतिविधियों सहित अन्य अपराधों में कमी आई है। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी ने विगत वर्ष अकस्मात ही पूरी दुनिया को अनिश्चितता के अंधेरे में धकेल दिया था। मानवता के सामने आए इस ऐतिहासिक संकट से निपटने में आप सबने सरकार को जो सहयोग दिया तथा राज्य की जनता को राहत दिलाने में जो जमीनी मदद की उसके लिए मैं आप सबको साधुवाद देती हूं।
उन्होंने कहा कि बीता साल अनेक चुनौतियों से भरा था। ‘‘मुझे खुशी है कि सभी मोर्चों पर सरकार खरी उतरी है और राज्य कोरोना काल में भी अनेक क्षेत्रों में नई उपलब्धियां हासिल कर सका।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य को इस कठिन दौर से निकालने के लिए सूझबूझ के साथ काम किया, जिससे 67 लाख से अधिक राशन कार्डधारी परिवारों को उनकी पात्रता के अनुसार खाद्यान्न वितरण संभव हो पाया। राज्यपाल ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता के करण एक वर्ष में 99 हजार बच्चों को कुपोषण से तथा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्ति मिली है।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने किसानों से किया गया वादा निभाया है। चुनौतियों के बीच सुधार और संकल्प के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई। इस वर्ष सर्वाधिक 21 लाख 52 हजार 980 किसान पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा। इस प्रकार नई व्यवस्था और नए संकल्प से छत्तीसगढ़ 95.40 प्रतिशत किसानों का धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उइके ने कहा कि सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान, गन्ना, मक्का सहित 14 फसलें लेने वाले किसानों को सीधी आर्थिक मदद देने का बीड़ा उठाया है। प्रथम वर्ष में तीन किस्तों में 4,500 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में डाल दी गई है, वहीं शेष लगभग 1,200 करोड़ रुपए की अंतिम किस्त का भुगतान भी इसी वित्तीय वर्ष में कर दिया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने पंचायत और ग्रामीण विकास की योजनाओं को तात्कालिक जरूरतों से जोड़ते हुए अनेक नवाचार किए, जिसके कारण भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को 11 विशिष्ट पुरस्कारों से नवाजा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में लॉकडाउन से प्रभावित बस संचालकों को विभिन्न शुल्कों में राहत दी है। राज्य में ‘ड्राइविंग ट्रेनिंग और रिसर्च इंस्टीट्यूट’ की स्थापना की जा रही है, जिससे राज्य में कुशल वाहन चालक उपलब्ध होंगे तथा सड़क दुर्घटनाओं में अंकुश लगेगा।
उइके ने कहा कि सरकार की नई औद्योगिक नीति के कारण दो वर्षों में एक हजार 207 नए उद्योगों की स्थापना हुई है तथा लगभग 17 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ है। इन उद्योगों मे 22 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
राज्यपाल ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वह राज्य सरकार की विकासपरक जनहितकारी नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों, अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभाएं और अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों की जनता को शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मददगार बनें।

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