मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने चुनाव आयोग से लोकसभा चुनाव में सेना के प्रतीकों और वर्दी आदि का इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है। इसके साथ ही त्रिपुरा में हिंसा की आशंका व्यक्त करते हुए इस दिशा में एहतियाती कदम उठाने और ़कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने की मांग की है। पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों से मिलकर यह मांग की। प्रतिनिधि मंडल में पोलित ब्यूरो सदस्य नीलोत्पल बसु, त्रिपुरा इकाई के सचिव गौतम दास एवं राज्य से पार्टी के सांसद जीतेंन चौधरी, शंकर दत्ता, और झरना दास शामिल हैं।
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ से कहा कि त्रिपुरा में राज्य प्रशासन के पूर्वाग्रह के रवैये के कारण प्रदेश में ़कानून व्यवस्था की हालत बहुत ़खराब हो गयी है। राज्य में भय और हिंसा का माहौल है जिससे मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव करना संभव नही रह गया है।
पार्टी ने कहा कि सत्तारूढ़ दल सेना के प्रतीकों का इस्तेमाल न करे और चुनावी भाषणों में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों तथा हवाई कार्रवाई का जिक्र न करे एवं वर्दी का इस्तेमाल न करे क्योंकि सेना किसी एक दल की नही बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र की होती है। पार्टी ने आयोग के साथ कई मुद्दों पर साफ सा़फ बात की और सुझाव भी दिए। पार्टी ने कहा कि राज्य में चुनाव में धांधली की आशंका को देखते हुए 50 प्रतिशत बूथों पर मतदान को वीवीपैट से मिलाने की जरुरत है। पार्टी ने चुनावी बंद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये बंद चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए आयोग इनसे निपटने के बारे में भी सोचे।