महाराष्ट्र पुलिस की रायगढ़ यूनिट ने बुधवार की सुबह एक निजी चैनल के मालिक और मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी के घर पर छापा मारा और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। इस मामले को लेकर शिवसेना ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को ‘काला दिन’ और ‘ प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला’ बताए जाने वाले भाजपा के बयानों की बृहस्पतिवार को निंदा की ।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री भी आरोप लगा रहे हैं कि गोस्वामी की गिरफ्तारी की वजह से महाराष्ट्र में ‘‘आपातकाल जैसी स्थिति’’ है। उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस ने इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार को गोस्वामी को गिरफ्तार किया।
गोस्वामी और दो अन्य के खिलाफ रिपब्लिक टीवी द्वारा भु्गतान नहीं करने की वजह से नाइक और बाद में उनकी मां की कथित रूप से खुदकुशी के मामले भारतीय दंड संहिता की धारा-306 और धारा-34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ‘सामना’ ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार ने गोस्वामी ने बचाने के लिए नाइक आत्महत्या मामले में ‘लीपापोती’ की।
संपादकीय में दावा किया गया कि गुजरात में राज्य सरकार के खिलाफ लिखने की वजह से एक पत्रकार को गिरफ्तार किया गया जबकि उत्तर प्रदेश में कई पत्रकारों की हत्या हुई। सामना ने लिखा, ‘‘इन घटनाओं पर किसी को आपातकाल की याद नहीं आई, जबकि प्रदेश भाजपा नेताओं को अन्वय नाइक, इस माटी के बेटे को न्याय दिलाने की मांग करनी चाहिए।’’
संपादकीय में लिखा, ‘‘एक निर्दोष व्यक्ति की और उसकी बूढ़ी मां की आत्महत्या की वजह से जान चली गई। मृतक की पत्नी न्याय की मांग कर रही है और पुलिस कानून के मुताबिक काम कर रही है।’’ सामना ने लिखा, ‘‘ यहां चौथे खंबे (लोकतंत्र के) पर हमले का सवाल ही कहां हैं? जो ऐसा कह रहे हैं वे पहले खंभे को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
मुखपत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री सहित सभी लोग कानून के समक्ष बराबर हैं।