वाराणसी : लम्बे समय से वाद-विवाद का मुद्दा बने ज्ञानव्यापी पर वाराणसी कोर्ट का फैसला हिन्दू पक्ष में आया। सोमवार को आए फैसले में कोर्ट ने पूर्ण रूप से स्पष्ट कर दिया 1991 का पूजा कानून इस केस में लागू नहीं हो सकता हैं। कोर्ट के इस फैसले को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वर्शिप एक्ट के खिलाफ करार दिया।
ज्ञानव्यापी पर वाराणसी कोर्ट के फैसले पर बोलते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मेरा मानना है कि वो फैसला (ज्ञानवापी फैसला) गलत है। ये फैसला पूजा स्थल अधिनियम 1991 के खिलाफ है। ये भविष्य में ऐसे बहुत से मसलों को खोल देगा। ये फैसला देश में अस्थिर प्रभाव पैदा कर सकता है …यूपी सरकार ने मुसलमानों के साथ संपत्तियों का आदान-प्रदान किया।”
हिजाब सर पर पहना जाता है, दिमाग पर नहीं
हिजाब मुद्दे पर AIMIM प्रमुख ने कहा, हिजाब मुसलमानों के लिए जरूरी धार्मिक प्रथा है। अगर सरकारी स्कूल अन्य धार्मिक प्रतीकों की अनुमति दे रहे हैं, तो इसको क्यों नही दिया जा रहा है। महिला अपने सर पर पहन रही है अपने दिमाग पर नहीं। अगर कोई लड़की हिजाब पहनना चाहती है तो आप उसे क्यों रोकना चाहते हैं?
महिला उम्मीदवारों को दिया जाएगा समान प्रतिनिधित्व
राजस्थान में सियासी जमीन तलाशने पहुंचे ओवैसी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा हमेशा रहेगी और हम इसे जीतने के लिए यहां हैं… हम राज्य में अपनी पार्टी के काम का आकलन करेंगे, राजस्थान चुनाव के लिए फीडबैक लेंगे। महिला उम्मीदवारों को समान प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, वे देश की आधी आबादी बनाती हैं।