केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि तिरुवनंतपुरम स्थित हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) की खुली बोली में हिस्सा लेने से राज्य को ‘‘रोकना’’ सहकारी संघवाद के खिलाफ है। एचएलएल केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है, जिसे केंद्र ने विनिवेशित करने का प्रस्ताव दिया है।
स्वयं निर्णय लेने के लिए संविधान प्रदत्त अधिकार
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र में लिखा कि राज्य सरकार को खुली बोली प्रक्रिया में भाग लेने से रोकना सहकारी संघवाद के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं होगा और राज्य सरकार के पास ऐसे मामलों में स्वयं निर्णय लेने के लिए संविधान प्रदत्त अधिकार हैं।
अपने संक्षिप्त पत्र में, विजयन ने बताया कि उन्होंने जून, 2017 में भी एक पत्र भेजकर केंद्र से एचएलएल के निजीकरण की दिशा में आगे नहीं बढ़ने का अनुरोध किया था। इसके बावजूद, जब केंद्र सरकार ने विनिवेश की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया, तो राज्य सरकार ने खुली बोली में भाग लेने के लिए अपनी इच्छा जतायी।
रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया में भाग लेने की गुंजाइश है
वर्तमान में, निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि ‘प्रारंभिक सूचना ज्ञापन और रुचि की अभिव्यक्ति’ के अनुसरण में सरकार अथवा सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के लिए रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया में भाग लेने की गुंजाइश है।e
विजयन ने कहा, ‘‘यह कहीं भी उल्लेख नहीं है कि राज्य सरकार अथवा राज्य सार्वजनिक उपक्रम एचएलएल की बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं हैं।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से इस बात पर ध्यान देने का आग्रह किया कि एचएलएल के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था और एक विशिष्ट परियोजना की स्थापना के लिए केरल सरकार द्वारा इसे केंद्र को सौंप दिया गया था।