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4.75 लाख करोड़ के कर्ज में डूबा है बंगाल, चुनाव में बीजेपी ने बनाया बड़ा मुद्दा

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पिछले दस साल के शासनकाल में बंगाल पर कुल 4.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो जाने के मुद्दे को भाजपा जनता के बीच ले जाने में जुटी है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक नया मुद्दा खोज निकाला है। यह मुद्दा है लगातार कर्ज में डूबते बंगाल का। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पिछले दस साल के शासनकाल में बंगाल पर कुल 4.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो जाने के मुद्दे को भाजपा जनता के बीच ले जाने में जुटी है। भाजपा बता रही है कि किस तरह से ममता बनर्जी के राज में अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है और राज्य कर्ज के जाल में फंसता चला जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दार्जिलिंग से लोकसभा सांसद राजू बिष्ट ने कहा, जब वर्ष 2011 में पश्चिम बंगाल की सत्ता से लेफ्ट को हटाकर ममता बनर्जी ने बागडोर संभाली तब राज्य पर 1.90 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। लेकिन, ममता बनर्जी सरकार की गलत नीतियों के कारण कर्ज दोगुना से ज्यादा हो गया है। आज दस साल में पश्चिम बंगाल कुल 4.75 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूब चुका है। बंगाल की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है।
कभी कल-कारखानों के लिए चर्चित रहे पश्चिम बंगाल की हालत आज निवेश के मोर्चे पर कमजोर होने को भी भाजपा ने मुद्दा बनाया है। भाजपा के नेता ममता बनर्जी शासनकाल में विभिन्न उद्योग घरानों के बीच हुए 15 लाख करोड़ के एमओयू पर सवाल उठा रहे हैं। भाजपा सांसद राजू बिष्ट आरोप लगाते हैं कि इनवेस्टर्स समिट के नाम पर बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनता के करोड़ों रुपये उद्योगपतियों की आवगभगत में लुटाए, जनता को बरगलाने के लिए 15 करोड़ के एमओयू पर साइन होने की बातें कहीं गईं, लेकिन फूटी कौड़ी का निवेश नहीं हुआ।
आज चाय बगानों की हालत खस्ता हो गई है। कई चाय बगान बंद हो गए हैं। सबसे महंगी बिजली बंगाल में होने के कारण भी पूंजीपति यहां उद्योग लगाने से कतराते हैं। भारतीय जनता पार्टी पूरे चुनाव में कर्ज में डूबते बंगाल और 15 लाख करोड़ के एमओयू साइन होने के बावजूद निवेश न होने को बड़ा मुद्दा बनाते हुए जनता के बीच अभियान चलाने में जुटी है। भाजपा का मानना है कि चुनाव में सतही आरोपों की जगह जनता के बीच तथ्यों के साथ जाकर ममता बनर्जी सरकार की घेराबंदी कहीं ज्यादा असरदार है।

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