भाजपा ने दोहराया है कि पार्टी नेता और हेमताबाद से विधायक देबेंद्र नाथ रॉय की हत्या हुई है। पार्टी ने मंगलवार को कहा कि उसे विधायक के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है जिसमें कहा कि विधायक की मौत फंदे पर झूलने की वजह से हुई और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन हत्या को आत्महत्या दिखाने का प्रयास कर रहा है। सिन्हा ने कहा, ‘‘राज्य पुलिस और प्रशासन इस मामले पर लिपापोती करना चाहते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या को आत्महत्या बताया गया है। हमें इस रिपोर्ट पर कोई भरोसा नहीं है।
राज्य सरकार को इस मामले की जांच या तो केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपनी चाहिए या उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की देखरेख में न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि हेमताबाद के विधायक का शव उत्तरी दिनाजपुर के बिंदल गांव में उनके घर के नजदीक शटर वाली दुकानों के बाहर बरामदे में छत से लटकता हुआ मिला था।
पुलिस ने कहा कि विधायक की जेब से सुसाइड नोट मिला था जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए दो लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं रॉय के परिवार और भाजपा ने इसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई हत्या करार दिया है जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है।
रॉय माकपा के टिकट पर वर्ष 2016 में हेमताबाद (सुरक्षित) सीट से जीते थे लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया था। भाजपा नेता की अप्राकृतिक मौत के खिलाफ पार्टी द्वारा मंगलवार को उत्तरी बंगाल में बुलाए गए 12 घंटे के बंद के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़पे हुईं और प्रदर्शनकारियों ने बसों पर पथराव किया।
भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात कर पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने और रॉय की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।