देशव्यापी आलोचना के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली कटौती को लेकर सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियों के आधार पर राज्य के राजनांदगांव जिले में एक व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह के कल दर्ज मामले पर पुलिस महानिदेशक से नाराजगी जताई है,और मामले को वापस लेने का निर्देश दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि श्री बघेल ने समाचार माध्यमों के राजनांदगांव जिले में एक व्यक्ति मांगेलाल अग्रवाल के खिलाफ राज्य विद्युत कम्पनी के द्वारा 125 ए एवं 505/1/2 के तहत दर्ज करवाए गए मामले की जानकारी होने पर आज पुलिस महानिदेशक डी.एम.अवस्थी से चर्चा की और अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को कल ही गिरफ्तार कर लिया था।
श्री बघेल ने यहां एक बयान भी जारी किया जिसमें कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के वह प्रबल पक्षधर है। उन्होने कहा कि राजद्रोह के दर्ज मामले को वापस लेने तथा भविष्य में इस तरह की घटना नही हो इस बारे में सम्बधित अधिकारियों को कड़ निर्देश दे दिए गए है।
बिजली कटौती को लेकर लोगो के आक्रोश से जूझ रही राज्य विद्युत कम्पनी ने कल राजनांदगांव में मुसरा डोगरगढ़ निवासी मांगेलाल अग्रवाल के खिलाफ 125 ए एवं 505/1/2 के तहत प्रकरण दर्ज करवाया गया था। अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होने सोशल मीडिया में एक वीडियों वायरल किया जिसमें उन्होने बिजली कटौती का कारण राज्य सरकार द्वारा इंवर्टर कम्पनियों से की गई साठगांठ बताया है। इसी वीडियो के आधार पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया।
राज्य विद्युत कम्पनी के विधिक सलाहकार एन.के.पी.सिंह ने दर्ज मामले को जायज ठहराते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नही है। वायरल वीडियो में आरोपी राज्य सरकार एवं उसके उपक्रम के खिलाफ में दुष्प्रचार कर रहा है, जिसके कारण उसका यह कृत्य राजद्रोह है।
इस मामले को लेकर राज्य सरकार की तीखी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस के लोकसभा चुनावों के चुनावी घोषणा पत्र में इस धारा को खत्म करने के किए वादे की याद दिलाते हुए कांग्रेस सरकार पर तंज कसा जा रहा है। मुख्य़ विपक्षी दल भाजपा एवं जनता कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर कड़ हमला किया है।
पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चन्द्राकर ने राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अपनी असफलता को छिपाने के लिए लोगो की आवाज को दबाने एवं उन्हे डराने की यह कार्रवाई है जिसका डटकर विरोध किया जायगा।
जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा कि कन्हैया कुमार के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश को या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस कानून को खत्म करने के कथन को भूपेश सरकार ने ध्यान रखा होता तो यह मामला दर्ज नही होता।