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MP निकाय चुनावों में भाजपा ने तोड़ा अपना उम्र सीमा का फॉर्मूला

मध्यप्रदेश के आगामी नगर निकाय चुनावों की सियासी हलचल तेज होने के बीच सत्तारूढ़ भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को कहा कि पार्टी ने अपने नेताओं के चुनाव लड़ने के लिए उम्र सीमा का कोई भी फॉर्मूला तय नहीं किया है।

मध्य प्रदेश के आगामी नगर निकाय चुनावों की सियासी हलचल तेज होने के बीच सत्तारूढ़ भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को कहा कि पार्टी ने अपने नेताओं के चुनाव लड़ने के लिए उम्र सीमा का कोई भी फॉर्मूला तय नहीं किया है।भाजपा की नगर निकाय चुनाव संचालन समिति के संयोजक उमाशंकर गुप्ता ने उम्मीदवारों की उम्र सीमा तय किए जाने के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा, हमारा ऐसा (उम्र सीमा का) कोई भी मापदंड नहीं है। 
भाजपा का स्पष्ट मापदंड है कि हम किसी चुनाव क्षेत्र में उपलब्ध कार्यकर्ताओं में से उस चेहरे को टिकट देते हैं, जिसकी जीत की सबसे ज्यादा संभावनाएं होती हैं। राज्य में काबीना मंत्री रह चुके गुप्ता ने अपनी बात में हालांकि जोड़ा, भाजपा में हम नयी पीढ़ी के नेताओं को पर्याप्त अवसर देते हैं और ऐसा आगामी नगर निकाय चुनावों में भी होगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा चुनावी टिकट देने के पैमानों को लेकर आमतौर पर स्थायी दिशा-निर्देश तय नहीं करती है। गुप्ता ने बताया कि भाजपा आगामी नगर निकाय चुनावों के लिए राज्य और स्थानीय स्तर पर दो अलग-अलग घोषणापत्र जारी करेगी। उन्होंने कहा, हम मुख्य रूप से विकास के मुद्दे पर आगामी नगर निकाय चुनावों में उतरेंगे। 
गौरतलब है कि प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव एक साल से भी ज्यादा समय से टल रहे हैं तथा इनके निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल काफी पहले खत्म हो गया है। अस्थायी व्यवस्था के तहत प्रशासकों के रूप में तैनात सरकारी अफसर इन निकायों का काम-काज संभाल रहे हैं। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने दो याचिकाओं का निपटारा करते हुए प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को 25 फरवरी को निर्देश दिए थे कि नगर निकायों तथा पंचायतों के लंबित चुनाव यथाशीघ्र संपन्न कराए जाएं। हालांकि, अब तक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की गई है।

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