महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को निर्वाचन आयोग से जानकारी छिपाने के एक मामले में नागपुर की एक कोर्ट में पेश होने से छूट मांगी है। फडणवीस के खिलाफ चुनावी हलफनामे में उनके विरूद्ध दर्ज दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने का आरोप है।
नागपुर पुलिस ने 28 नवंबर को इस संबंध में मजिस्ट्रेट की कोर्ट से जारी सम्मन फडणवीस को दिया। उसी दिन राज्य में शिवसेना के नेतृत्व में नयी सरकार बनी थी। फडणवीस के अधिवक्ता उदय डाबले ने बुधवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट से इस मामले में बीजेपी नेता को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने की मंजूरी दिए जाने का अनुरोध किया।
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उन्होंने कहा कि फडणवीस कुछ ‘‘आकस्मिक काम’’ के चलते कोर्ट में पेश नहीं हो पाए। अधिवक्ता ने कहा कि फडणवीस की मंशा मुकदमे की सुनवाई अथवा कार्यवाही में देरी करना नहीं है। डाबले ने कहा, ‘‘वह कुछ जरूरी काम के चलते आज उपलब्ध नहीं हैं। उनकी पहचान को लेकर कोई विवाद नहीं है और उनका वकील उचित तरीके से उनका प्रतिनिधित्व करता है तथा उनकी अनुपस्थिति से कोर्ट की कार्यवाही बाधित नहीं होगी।’’
हालांकि, स्थानीय अधिवक्ता सतीश उके ने कोर्ट से आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने को कहा। उके ने कोर्ट में अर्जी दायर कर अनुरोध किया था कि फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाए। याचिका ने कहा गया कि फडणवीस कोर्ट में पेश नहीं हुए क्योंकि उन्होंने बुधवार को पेशी से छूट मांगने का ‘‘फैसला पहले ही ले लिया था।’’
सतीश उके ने चार नवंबर को एक राष्ट्रीय दैनिक अखबार में प्रकाशित एक खबर का हवाला दिया था जिसमें फडणवीस के अधिवक्ता ने कहा था कि बीजेपी नेता को तारीख पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत नहीं है और वह इसके लिए अतिरिक्त समय मांग सकते हैं। फडणवीस नागपुर से विधायक हैं।