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BJP नेता ने मोपला विद्रोह को बताया तालिबानी मानसिकता की झलक, बोले- भारत के लिए ये 'नहीं है कोई नई कहानी'

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने गुरुवार को यानी आज दावा करते हुए कहा कि 1921 का मोपला विद्रोह भारत में तालिबान मानसिकता की पहली झलक था। उन्होंने केरल की वाम सरकार पर इसे वामपंथी क्रांति बताते हुए इसका जश्न मनाकर सही ठहराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इसे मप्पिला दंगा भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व ‘सही इतिहास’ से अवगत है और इसलिए वह इस तरह के तालिबानी या अलगाववादी ताकतों को देश में हिंसा करने या लोगों को विभाजित करने के लिए जगह नहीं देगा, चाहे वह कश्मीर हो या केरल।

माधव केरल में 1921 के विद्रोह के दौरान हिंसा का शिकार हुए पीड़ितों की याद में कोझिकोड में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया में सभी लोगों का ध्यान अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने पर है। मीडिया लोगों को तालिबान द्वारा पहले भी और अब भी किए जा रहे अत्याचारों के बारे में बता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के लिए यह ‘कोई नई कहानी नहीं’ है क्योंकि इस तालिबानी मानसिकता का जन्म खास कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा से हुआ है, जिसकी पहली झलक मोपला विद्रोह के रूप में यहां देख चुके हैं।

माधव के अनुसार मौजूदा समय की तरह उस समय मीडिया की मौजूदगी उतनी नहीं थी तो उस समय के अत्याचारों की खबरें व्यापक तौर पर लोगों तक नहीं पहुंच सकी। माधव ने दावा किया कि जैसा कि उस समय की गई क्रूरता और हिंसा के बारे में सबको जानकारी नहीं है और वाम सरकार जो कुछ हुआ, उसे सही बताने के लिए इसे अंग्रेजों और सामंती ताक़तों के ख़िलाफ़ वामपंथी क्रांति बता रही है और इस विद्रोह में शामिल नेताओं को ‘हीरो’ बताने वाली फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देकर इसका उत्सव मना रही है।